प्रयागराज के पहले ‘मीटू’ केस में आरोपी ट्यूशन टीचर को सजा
ट्यूशन टीचर को सजा
इलाहाबाद: प्रयागराज के पहले मीटू केस में आरोपी ट्यूशन टीचर को पुलिस ने कड़ी सजा दिलाई है. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने आरोपी ट्यूशन टीचर जार्जटाउन निवासी सुनील दुआ को 20 साल का कारावास और दस हजार का अर्थदंड की सजा सुनाई. इसके अलावा धमकी देने के मामले में दो साल की सजा और दो हजार रुपये का अर्थदंड की सजा दी है.
मीटू के शोर में बयां किया दर्द 2019 में मीटू का दौर चला तो कई फिल्मी हस्तियों ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया और लिखा कि वह भी बचपन में यौन शोषण का शिकार हुईं. कई फिल्मी हीरो पर संगीन आरोप लगे. इस बीच 2019 में सिविल लाइंस में रहने वाली एक छात्रा बालिग हुई. मीटू केस देखकर उसकी हिम्मत बढ़ी और उसने अपनी आपबीती अंग्रेजी में लिखी. उस पत्र को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. छात्रा की दर्द भरी कहानी पढ़कर लोग सन्न रह गए. हिन्दी में उसका अनुवाद कर इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया.
डीजीपी ने संज्ञान में लेकर दर्ज कराया केस छात्रा ने लिखा था कि जब वह महज़ बारह साल की थी तब वह अपने ट्यूशन टीचर सुनील दुआ से यौन शोषण की शिकार हुई. कान्वेंट स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा का उत्पीड़न उसने छह साल पहले शुरू किया और तकरीबन दो साल तक उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था. उसके खौफ से वह न तो ठीक से पढ़ पाती थी और न ही सो पाती थी. टीचर के डर से उसने अपने परिवार वालों को भी इस हरकत के बारे में जानकारी नहीं दी थी. ट्यूशन टीचर ने घर छोड़ने के बाद भी छात्रा को ब्लैकमेल करता था. सोशल मीडिया पर छात्रा की उत्पीड़न की कहानी सामने आने पर पुलिस ने संज्ञान लिया और सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज किया. क्राइम ब्रांच ने छात्रा के पिता के उम्र के आरोपी सुनील दुआ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.