आरोपी आनंद गिरी को गोपनीय तरीके से नैनी सेंट्रल जेल से चित्रकूट जेल मे किया शिफ्ट
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि खुदकुशी मामले में मुख्य आरोपी आनंद गिरी को शुक्रवार को गोपनीय तरीके से नैनी सेंट्रल जेल से चित्रकूट जेल मे शिफ्ट कर दिया गया.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि खुदकुशी मामले में मुख्य आरोपी आनंद गिरी को शुक्रवार को गोपनीय तरीके से नैनी सेंट्रल जेल से चित्रकूट जेल मे शिफ्ट कर दिया गया. कड़ी सुरक्षा के बीच आनंद गिरी को चित्रकूट जेल भेजा गया है. देर शाम चित्रकूट जेल में आनंद गिरि को दाखिल भी करा दिया गया है, लेकिन इस पूरी कार्यवाही की जानकारी मीडिया को देर शाम हो सकी. आनंद गिरि की जेल शिफ्ट किए जाने की नैनी सेंट्रल जेल के सीनियर सुपरिटेंडेंट पीएन पांडेय ने पुष्टि की है.
हालांकि उन्होंने कहा है कि प्रशासनिक कारणों से आनन्द गिरि को नैनी सेंट्रल जेल से चित्रकूट जेल शिफ्ट किया गया है. हालांकि इस कार्यवाही के पीछे तीन दिन पहले आनंद गिरि का डिप्टी जेल सुपरिंटेंडेंट से हुआ विवाद बताया जा रहा है.
डिप्टी जेलर ने दी जान से मारने की धमकी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की खुदकुशी मामले में मुख्य आरोपी आनंद गिरि ने नैनी सेंट्रल जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये थे. उन्होंने जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट पर जान से मारने की धमकी देने, गाली गलौज करने और वकीलों के सामने मारपीट की कोशिश करने का आरोप लगाया था. यह पूरी घटना प्रयागराज स्थित नैनी सेंट्रल जेल में मंगलवार 16 अगस्त शाम करीब 5:15 बजे की बताई गई थी. जबकि आनंद गिरि के दो वकील विजय कुमार द्विवेदी और बृज बिहारी मंगलवार शाम को उनसे मिलने के लिए प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल पहुंचे थे.
आरोप है कि आनंद गिरि जब वकीलों से बातचीत कर रहे थे तो उस समय वहां डिप्टी सुपरिटेंडेंट आर के सिंह भी पहुंचे. आरोपों के मुताबिक आरके सिंह ने वकीलों व दूसरे लोगों की मौजूदगी में आनंद गिरि को जान से मारने की धमकी दी. इस दौरान उन्हें मारने के लिए झपटे और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गालियां दीं. यह भी आरोप है कि वकीलों ने बीच बचाव करने की कोशिश की तो उनके साथ भी बदसलूकी की गई.
आनंद गिरि के वकीलों ने जेल से बाहर निकलकर यूपी के प्रमुख सचिव गृह को शिकायती पत्र भेजा था. आनंद गिरि के कहने पर ही वकीलों ने यूपी सरकार से पूरे मामले की शिकायत की थी. इसके साथ ही शिकायत की कॉपी प्रयागराज के डीएम, एसएसपी और डिस्ट्रिक्ट जज को भी भेजी गई थी. आनंद गिरि की ओर से भेजे गए शिकायती पत्र में डिप्टी सुपरिटेंडेंट पर जेल में अवैध रूप से कैंटीन के संचालन का भी आरोप लगाया गया था. इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करा कर उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की गई थी.
शिकायती पत्र में यह भी कहा गया था कि आनंद गिरी को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है. उन्हें सुबह शाम सिर्फ एक एक घंटे ही बाहर निकाला जाता है. इसके साथ ही जेल में उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. आनंद गिरि के निर्देश पर ही उनके वकीलों ने यह शिकायती पत्र भेजा था.
जेल प्रशासन ने दी थी मामले में अपनी सफाई
हालांकि इस पूरे मामले में जेल प्रशासन की सफाई सामने आयी थी. जेल प्रशासन ने ऐसी किसी भी घटना से ही इंकार किया था. नैनी सेंट्रल जेल के सीनियर सुपरिटेंडेंट पीएन पांडेय ने कहा था कि दोनों वकील आनंद गिरि के साथ ही इस केस से जुड़े दूसरे आरोपियों से भी मिलना चाहते थे. इसके लिए उन्हें इजाजत नहीं दी गई. जेल मैनुअल का पालन करते हुए इजाजत नहीं दिए जाने की वजह से ही आनंद गिरि के वकील जेल प्रशासन पर अनर्गल आरोप लगाए हैं. जेल प्रशासन ने आरोप लगाया था कि आनंद गिरि ने 5 दिन पहले अस्पताल में भर्ती होने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी मेडिकल कंडीशन के आधार पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं थी. लिहाजा बाहर से जांच करा कर उनका इलाज जेल में ही कराया जा रहा था.
नरेंद्र गिरि सुसाइड केस में मुख्य आरोपी है आनंद गिरि
गौरतलब है कि आनंद गिरि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के दिवंगत अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं. आनंद गिरि अपने ही गुरु महंत नरेंद्र गिरि खुदकुशी केस में मुख्य आरोपी हैं. 22 सितंबर 2021 से नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं. महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर 2021 को श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के गेस्ट हाउस में पंखे से नायलॉन की रस्सी से लटके पाए गए थे. शिष्यों द्वारा नीचे उतारने पर उनकी सांसें थम चुकी थी और उनकी मौत हो गई थी. महंत नरेन्द्र गिरी कि जिस कमरे में मौत हुई थी उसी कमरे से सुसाइड नोट बरामद हुआ था, जिसमें आनंद गिरि के अलावा आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को भी आत्महत्या के लिए उकसाने का जिम्मेदार बताया गया था.
आनंद गिरि के साथ ही आद्या प्रसाद तिवारी और उसका बेटा संदीप तिवारी भी नैनी सेंट्रल जेल में ही बंद है. हालांकि आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को फिलहाल नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया है. उन्हें किसी दूसरी जेल में शिफ्ट नहीं किया गया है.