छात्रों के पीजी में प्रवेश पर लटकी तलवार

काउंसलिंग के दौरान गड़बड़ी की आशंका

Update: 2023-08-16 07:31 GMT

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में परास्नातक में चल रही काउंसलिंग में सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों का प्रवेश वेटेज के घनचक्कर में फंस गया है. कई विद्यार्थियों को 4 और 8 की जगह 10 से 14 नंबर तक वेटेज मिल गया है. इससे मेरिट बहुत हाई चली गई. यह आशंका भी जताई जा रही है कि गलत वेटेज का लाभ लेकर किसी को प्रवेश तो नहीं मिल गया. यह चूक अलग-अलग कई स्तर पर हुई है.

डीडीयू में पाठॺक्रामों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग के दौरान वेटेज में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. दरअसल, डीडीयू में आयोजित प्रवेश परीक्षा 200 अंकों की थी. यह प्रावधान है कि विश्वविद्यालय परिसर से स्नातक उत्तीर्ण छात्रों को पांच प्रतिशत वेटेज (यानी दस अंक) दिया जाता है. यदि किसी छात्र ने एनएसएस, एनसीसी बी या सी सर्टिफिकेट या रोवर्स रेंजर्स का सर्टिफिकेट है तो उसे 7 प्रतिशत यानी 14 अंक तक मिलेगा. इसी तरह कैंपस की छात्राओं को 7 प्रतिशत वेटेज (14 अंक) दिया जाता है. इसी तरह सम्बद्ध कॉलेजों के छात्रों को चार से आठ और छात्राओं को आठ वेटेज अंक दिए जाने का प्रावधान है.

मामला पकड़ में आने पर छूटा पसीना मामला पकड़ में आने के बाद करीब सभी विभागों में काउंसलिंग कर रहे शिक्षकों के पसीने छूट गए हैं. बार-बार वेटेज घटने के कारण छात्रों की धुकधुकी लगी रही. कई अभ्यर्थी जो कटऑफ के बॉर्डर पर थे, उनका पहली सूची से बाहर होना तो तय हो ही गया है, यह भी आशंका जताई जा रही है कि वे प्रवेश से भी वंचित रह सकते हैं.

काउंसलिंग के दौरान गड़बड़ी की आशंका

काउंसलिंग के दौरान वेटेज में गड़बड़ी कई विभागों ने पकड़ ली है. उसके बाद विभागों में मेरिट नए हिसाब से बनाए जाने लगी. वेटेज में गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद कई छात्र-छात्राओं के 6 से 10 अंक तक कम हो गए. मेरिट लिस्ट भी नीचे आ गई है. आशंका है कि यदि किसी विभाग ने काउंसलिंग में सही से मिलान नहीं किया होगा तो वहां गलत वेटेज पर ही प्रवेश मिल गया होगा.

विवि प्रशासन का नहीं मिला जवाब

परास्नातक पाठॺक्रमों के प्रवेश में वेटेज के सम्बंध में कुलपति प्रो. राजेश सिंह और मीडिया प्रभारी डॉ. महेन्द्र कुमार सिंह को व्हाट्सएप और आधिकारिक ईमेल पर मेल भेजकर उनका पक्ष मांगा गया है. उनका पक्ष नहीं मिल सका है.

कॉलेज और विवि दोनों का वेटेज

सम्बद्ध कॉलेजों के कई अभ्यर्थियों के काउंसलिंग फॉर्म पर वेटेज के रूप में कॉलेज के चार और विवि के 10 अंक जुड़ गए हैं. यानी यदि कॉलेज का छात्र है तो उसे 4 की बजाय 10 अंक अधिक मिल गए. यदि छात्रा है तो आठ की बजाय छह अंक अधिक मिल गए. इसे बड़ी चूक माना जा रहा है. चर्चा है कि यह एजेंसी की चूक की वजह से हुआ है. दोनों में कोई एक ही वेटेज मिलना चाहिए था.

कॉलेज की जगह विवि का वेटेज मिला

कई अभ्यर्थी सम्बद्ध कॉलेज के छात्र-छात्राएं थे लेकिन उनके काउंसलिंग फॉर्म पर क्रमश चार और आठ अंक की जगह 10 और 14 अंक तक चढ़ गए थे. माना जा रहा है कि छात्रों द्वारा आवेदन के दौरान सम्बद्ध कॉलेज का चयन करना था लेकिन विवि का चयन कर लिया. बड़ी संख्या में कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय से स्नातक उत्तीर्ण का कॉलम भर दिया. इसी आधार पर उन्हें वेटेज अंक भी आवंटित हो गए.

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