फतेहपुर जिले में एक रिटायर्ड मुस्लिम रेलवेकर्मी ने धर्म परिवर्तन करबना हिंदू

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के बाद फतेहपुर जिले में भी एक रिटायर्ड मुस्लिम रेलवेकर्मी ने धर्म परिवर्तन कर हिंदू धर्म अपना लिया और अपना नाम रखा श्रवण कुमार

Update: 2022-07-21 16:59 GMT

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के बाद फतेहपुर जिले में भी एक रिटायर्ड मुस्लिम रेलवेकर्मी ने धर्म परिवर्तन कर हिंदू धर्म अपना लिया और अपना नाम रखा श्रवण कुमार. अब्दुल जमील ने आज यानि गुरुवार को मंदिर में पूरे रीति-रिवाज के साथ जनेऊ धारण किया और हिंदू धर्म अपना लिया. इस्लाम धर्म छोड़ने के बाद अब्दुल जमील का नया नाम श्रवण कुमार रखा गया है. इस दौरान मंदिर में मौजूद पंडितों ने फूलमाला पहनकर उनका स्वागत किया. अब्दुल जमील के मुताबिक, वह काफी दिनों से हिंदू धर्म अपनाने की कोशिश कर रहा था और अंतरात्मा की आवाज सुनकर हिंदू धर्म अपनाया है. जब इस बात की भनक कट्टरपंथियों को लगी तो उसे काफी विरोध का भी सामना करना पड़ा.

कट्टरपंथियों ने उसे तरह-तरह की यातनाएं देकर प्रताड़ित भी किया है. इसके बावजूद भी मैंने अपने मनोबल और आत्मविश्वास को नही टूटने दिया और आज शहर के हनुमान मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन-पूजन कर मैंने हिंदू धर्म अपना लिया.
फतेहपुर जिले के शहर क्षेत्र के रहने वाले रिटायर्ड रेलवे कर्मी अब्दुल जमील ने हिंदू रीति रिवाज के साथ आज जनेऊ धारण कर हिंदू धर्म अपना लिया. धर्म परिवर्तन के बाद उन्होंने अपना नया नाम श्रवण कुमार रखा है. अब्दुल जमील उर्फ़ श्रवण कुमार के मुताबिक, वह काफी दिनों से हिंदू धर्म अपनाने की सोच रहा था. उन्होंने बताया कि मुस्लिम धर्म में लालच है और दूसरे के हक़ छीनने की प्रथा है. इसी कारण आज मैंने धर्म परिवर्तन कर लिया. हिंदू धर्म को अपनाने के लिए उसे काफी प्रताड़ना झेलनी पड़ी.
सबसे ज्यादा इसका विरोध उसके नजदीकी रिश्तेदारों और कट्टरपंथियों ने किया है. भारी विरोध के बावजूद भी मैंने हार नहीं मानी. फिलहाल पत्नी व बच्चों ने इसका विरोध नहीं किया है और उसने कहा की अगर आगे कोई उसे ऐसी दिक्कत आती है तो वह इसकी शिकायत अधिकारियों से करेंगे. वहीं उन्होंने यह भी कहा की काफी दिनों से वह अपने घर पर श्री रामचंद्र जी की तस्वीर रखे हुए था. जिसकी रोज वह विधिवत पूजा-अर्चना किया करता था.
हाथरस जिले का निवासी है अब्दुल जमील
68 वर्षीय अब्दुल जमील यूपी के हाथरस जिले के साईदा बाग़ का रहने वाला है. वर्षो पहले उसे नौकरी के सिलसिले में फतेहपुर आना पड़ा था, जहां उसकी शादी भी शहर के देवीगंज मोहल्ले में हो गई थी. उसके बाद उसने रेलवे में मुख्य आरक्षण पर्वेक्षक के पद पर 20 साल की नौकरी उसने फतेहपुर जिले में किया. उसके बाद उसका ट्रांसफर शिकोहाबाद हो गया. जहां उसने 18 साल की नौकरी के बाद रिटायर हुआ. अब्दुल हामिद की तीन बेटियां व एक लड़का है. उसकी पत्नी अपनी बेटियों के साथ लखनऊ में रहती है. वह अपने ससुराल में रहता है. अब्दुल जमील का कहना था की वह अपने धर्म की कुरीतियों से आजिज आकर हिंदू होने का फैसला किया है.


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