मुरादाबाद। मुरादाबाद में पुलिस जीप से कूदकर भागने वाले मनोज से पूरा परिवार परेशान है। वो आए दिन मां-बाप को पीटता है। बीते दिन तो उसने बचाने आई बहन पर भी फरसा चला दिया। पुलिस जीप से कूदने के बाद जख्मी हुआ मनोज नाजुक हालत में कॉसमॉस अस्पताल में भर्ती है।
नशे के लिए मां-बाप को पीटता था मनोज
छजलैट थाना क्षेत्र में कुरी रवाना निवासी मनोज अपने मां-बाप का इकलौता बेटा है। पिता ज्ञानचंद्र और मां ने उसे बड़े ही लाड़प्यार से पाला था। लेकिन उसे नशे की लत लग गई। नशा के लिए वह घर के सामान बेचने लगा। पैसे नहीं मिलते तो मां-बाप को पीटने पर उतर आया। एसओ छजलैट ने बताया कि रविवार को मनोज ने पैसे नहीं मिलने पर अपने माता पिता के साथ मारपीट की। वह उनसे नशे के लिए पैसे मांग रहा था। मनोज की बहन मालती अपनी ससुराल से इन दिनों मायके आई हुई थी। उसने भाई से अपने माता पिता को बचाने की कोशिश की तो मनोज उस पर ही हमलावर हो गया। आरोपी मनोज ने फरसा उठाकर मालती के गले पर वार किया। हालांकि मालती बाल-बाल बच गई और फरसा उसके कंधे पर लगा।
पिता ने किया था पुलिस के हवाले
ज्ञानचंद्र बोले "हमें तो आएिदन मारता ही था। हम बर्दाश्त कर रहे थे। लेकिन रविवार को मनोज ने अपनी बहन मालती पर जानलेवा हमला करने की कोशिश की तो हमने तय कर लिया कि अब इसे पुलिस को दे देंगे। मैंने पुलिस बुलाकर मनोज को पकड़वाया था। उसके खिलाफ रिपोर्ट भी लिखवा दी।"
एसओ छजलैट बताते हैं,
" थाने से एसआई तारिक अली और दो सिपाही मनोज को कोर्ट में पेश करने ले जा रहे थे। एसआई की प्राइवेट कार से मुल्जिम को ले जाया जा रहा था। तभी मुरादाबाद में पीएसी तिराहे के पास वह कार से कूद गया। उसने भागने की कोशिश की। उसने एसआई तारिक अली को गर्दन पर काट लिया और बाकी दो पुलिस वालों को भी जख्मी कर दिया।
लेकिन, पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए उसे दबोच लिया। कूदने की वजह से वह जख्मी हो गया था। उसे रात में जिला अस्पताल ले जाया गया। बाद में कॉसमॉस् रेफर कर दिया गया। मनोज के खिलाफ पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश की FIR दर्ज की गई है।"
जेल ने दाखिल करने से मना किया
रविवार को मनोज जब पीएसी तिराहे पर पुलिस वाहन से भागने की कोशिश में जख्मी हुआ तो पुलिस के हाथपैर फूल गए। पुलिस उसे रिमांड मजिस्ट्रेट के पास लेकर पहुंची। मजिस्ट्रेट ने रिमांड मंजूर भी कर लिया। लेकिन जख्मी हालत में मनोज को लेकर जब पुलिस जेल पहुंची तो जेल अधिकारियों ने उसे इस हालत में लेने से मना कर दिया।
जेलर डॉ. मृत्युंजय पांडेय का कहना है कि बंदी की हालत खराब थी। वह जेल गेट पर ही अपना सिर दीवार पर देकर मार रहा था। इसलिए उसे जेल में दाखिल करने के बजाए थाने से आई पुलिस गार्द की अभिरक्षा में ही मुलजिम को जिला अस्पताल भिजवा दिया गया। हालांकि रिमांड मंजूर होने की वजह से उसकी एंट्री जेल रिकाॅर्ड में कर ली गई है।
हालत बिगड़ते ही पुलिस वालों को छूटे पीसीने
रविवार रात में जब बंदी मनोज की हालत ज्यादा खराब हुई तो पुलिस के हाथ पांव फूल गए। पीएसी तिराहे का एक वीडियो वायरल हो चुका था। जिसमें पुलिस वाले आरोपी मनोज को सड़क पर गिराकर उसके बाल पकड़े हुए हैं। इसलिए पुलिस वालों को डर लगने लगा कि आरोपी के साथ कोई अनहोनी हुई तो वह फंस सकते हैं। लिहाजा आनन-फानन एसओ छजलैट कुरी रवाना पहुंचे और आरोपी मनोज के माता-पिता को अस्पताल ले आए। अच्छे इलाज का भी पुलिस ने वादा किया। इस दौरान पुलिस वाले अपनी नेम प्लेट उतारे नजर आए।
मां-बाप से बचाने की गुहार
रविवार रात को नाजुक हालत बताकर जिला अस्पताल से रेफर किया गया मनोज इस समय कॉसमॉस अस्पताल में भर्ती है। जब पिता ज्ञानचंद्र और मां उसे देखने पहुंचे तो वह देखते ही रोने लगा। गिड़गिड़ाते हुए उसने कहा-"मां मुझे बचा ले, मुझे जेल मत भिजवा।"