ग्राम पंचायतों के विकास के लिए 9 विषयों का बनाया लक्ष्य: चन्द्रशेखर

Update: 2023-01-18 14:51 GMT

लखनऊ: गांव के समग्र विकास को गति प्रदान करने के लिए बुधवार को अलीगंज स्थित पंचायतीराज निदेशालय प्रेक्षागृह में अपर सचिव पंचायतीराज मंत्रालय की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गयी। अपर सचिव चन्द्रशेखर कुमार ने कहा कि वर्ष 2022-23 से पंचायती राज मंत्रालय द्वारा ग्राम पंचायतों की कार्ययोजना को सत्त विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर केन्द्रित कर 9 विषयगत क्षेत्रों में कार्य करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है एवं इसके अनुसार ही ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर लक्ष्य आधारित गतिविधियों के साथ कार्ययोजना को अपलोड किया जाना है।

उन्होंने कहा कि एलएसडीजी के सफल बनाने के लिए 26 विभागों तथा मंत्रालयों के संयुक्त सचिवों द्वारा संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर किये गये हैं तथा सभी 9 विषयों पर ज्वाइंट एडवाजरी भी जारी की गयी है। श्री कुमार ने कहा कि ग्राम पंचायत विकास योजना का लक्ष्य पंचायतों का समग्र विकास है इस कारण पंचायती राज विभाग की गतिविधियों के अतिरिक्त ग्राम विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं वन विभाग महत्वपूर्ण विभागों की आवश्यक गतिविधियों योजना सम्मिलित किया जाना आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत विकास योजना वार्षिक कार्ययोजना तैयार करने की प्रक्रिया को वर्ष 2015-16 में लागू किया गया है। प्रतिवर्ष योजना ससमय तैयार करने के लिए 2 अक्टूबर-31 जनवरी के मध्य 'जन योजना अभियान' का भी संचालन किया जाता है। श्री कुमार ने बताया कि भारत सरकार सत्त विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की बात कर रही है, निर्धारित 9 थीम की प्राप्ति बिना विभागीय सहयोग एवं अन्तर्विभागीय समन्वय के सम्भव नही है।

इस समय प्रदेश में सभी पंचायतें डिजिटल प्लेटफार्म पर है एवं भारत सरकार के ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के माध्यम से भुगतान कर रही है। ग्राम पंचायत विकास योजना से लेकर ऑडिट तक सभी कार्य को आॅनलाइन सम्पादित कर एक बहुआयामी भूमिका निभा रही है। जहाँ एक ओर कोविड-19 महामारी में भी पंचायतों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया तथा राज्य वित्त आयोग की 149.50 करोड़ रू.की धनराशि को स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाये जाने के लिए हस्तान्तरित किया गया।

निदेशक पंचायती राज विभाग अनुज कुमार झा ने कहा कि कार्यशाला अन्तर्विभागीय समन्वय पर आधारित है एवं यही आधार पंचायतों द्वारा वार्षिक कार्ययोजना को मजबूती प्रदान करता है। उप्र में प्रत्येक स्तर की पंचायत की भूमिका एक पृथक स्थानीय सुशासन के रूप में स्थापित है एवं प्रदेश सरकार की विस्तरित इकाई के रूप में प्रभावी रूप से कार्यों का सम्पादन कर रही है।

समस्त विभागों के कार्यो की आधारभूत इकाई भी ग्राम पंचायत है,विभागीय समन्वय की सर्वाधिक आवश्यकता होती है।कार्यशाला में पंचायती राज मंत्रालय से पंकज कुमार, अनुसचिव,तौकीर अहमद, राष्ट्रीय सलाहकार,योगेश कुमार,राज कुमार, अपर निदेशक एके शाही, संयुक्त निदेशक,एसएन सिंह, उपनिदेशक प्रवीणा चौधरी, संयुक्त निदेशक योगेश कटियार ग्रामीण क्षेत्र के विकास से जुड़े विभिन्न विभागों के राज्य स्तरीय अधिकारी मौके पर उपस्थित रहे।

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