नोएडा।नोएडा के बाद अब न्यू नोएडा की बारी है। नोएडा की कमियों को न्यू नोएडा में पूरा किया जाएगा। न्यू नोएडा निवेश का एक सबसे बड़ा ठिकाना बनेगा। न्यू नोएडा को विकसित करने के लिए 8500 करोड़ रुपए शुरुआती तौर पर खर्च होंगे, जो इसके पहले चरण का विकास करेंगे।
8,500 करोड़ की शुरुआती रकम से 3,000 हेक्टेयर जमीन खरीदी जाएगी और उसे विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण जमीन खरीदने और उसे विकसित करने के लिए फंड शासन से मांगेगा। जानकारी के मुताबिक 3,000 हेक्टेयर जमीन खरीदने में 4,500 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। इसके साथ ही 1,500 हेक्टेयर जमीन के विकास में 4,000 करोड़ रुपए लगेंगे। फंड मिलते ही जमीन के अधिग्रहण का काम शुरू होगा।
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कंपनी को वित्तीय मॉडल बनाने को कहा है। साफतौर पर यह निर्देश दिए गए हैं कि वित्तीय प्लान इस तरीके से बनाया जाए ताकि किसानों से अधिग्रहण करते समय उनको सही मुआवजा मिले और आने वाले समय में मुआवजा को लेकर किसी तरीके की कोई भी कमी देखने को ना मिले। इसके प्लान को तैयार करने की जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर को दी गई है। पूरी टीम एक मास्टर प्लान तैयार कर रही है और वित्तीय प्लान पर पूरी तरीके से फोकस किया जा रहा है।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर के 85 गांव को विकसित कर न्यू नोएडा विकसित होगा। इसे 21,102 हेक्टेयर क्षेत्र में बसाया जाएगा। जहां पर आवासीय, औद्योगिक, संस्थागत, ट्रैफिक-ट्रांसपोर्ट, ग्रीन एरिया, री-क्रिएशन, ग्रीन फैसिलिटी एंड यूटिलिटी, वाटर बॉडी आदि होंगे। इसमें 41 प्रतिशत में औद्योगिक, 11.5 प्रतिशत में आवासीय, 17 प्रतिशत में हरियाली, 15.5 प्रतिशत में सड़क, 9 प्रतिशत में संस्थागत और 4.5 प्रतिशत व्यवसायिक हिस्सा विकसित किया जाएगा।
इसे दादरी नोएडा गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) कहा जाएगा। इसमें नोएडा में गौतमबुद्ध नगर के 20 गांव और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल किए जाएंगे। जिसमें इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट पर सबसे ज्यादा फोकस होगा, इसीलिए 41 प्रतिशत लैंड को इंडस्ट्रियल यूज के लिए रखा गया है।
न्यू नोएडा को पूरी प्लानिंग के साथ बसाया जाएगा। जिससे रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे और नोएडा के आसपास के जिलों का विकास भी होगा।