इलाहाबाद न्यूज़: डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के पूर्वी हिस्से ईडीएफसी पर 80 प्रतिशत मालगाड़ियों को शिफ्ट करने की तैयारी हो गई है. उत्तर मध्य रेलवे की एसएजी (वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी) टीम ने इसके लिए हरी झंडी दे दी.
एसएजी टीम ने न्यू डगमगपुर स्टेशन से न्यू डीडीयू यार्ड का निरीक्षण किया. 38 किलोमीटर रूट पर मालगाड़ियों के नियमित संचालन की अनुमति दी. दादरी से पीडीडीयू (पं. दीन दयाल उपाध्याय) जंक्शन तक मालगाड़ियां दौड़ सकेंगी. दादरी से पीडीडीयू तक 911 किमी खंड पर 31 मई को मालगाड़ी ट्रायल सफल रहा था. इस रूट पर मालगाड़ियों के चलने के साथ ही गुजरात जाने के लिए नया रास्ता भी जल्द ही खोल दिया जाएगा. फिर दिल्ली और पंजाब की ओर से घूम कर मालगाड़ियों को नहीं जाना होगा. मौजूदा समय में ईडीएफसी के 882 किमी खंड पर मालगाड़ियां चल रही हैं.
प्रयागराज यूनिट का सेक्शन न्यू भाऊपूर से न्यू डीडीयू तक है. इसकी दूरी 421 किलोमीटर है और अब इस पूरे रूट पर मालगाड़ी चल सकेंगी. निरीक्षण में अपर महाप्रबंधक मन्नू प्रकाश दुबे, पीसीएसओ एनसीआर मनीष कुमार गुप्ता, एनामुल हक, एससी तिवारी, आरएन सिंह, पीपी पंकज सक्सेना, मुकेश जैन, अमित सेंगर, अर्जुन सिंह तोमर, आशीष मिश्रा मौजूद रहे.
रिश्वतखोरी मामले में एडी से जवाब मांगा
अपर निदेशक कार्यालय में स्टेनो के द्वारा रिश्वतखोरी का मामला अब निदेशक प्रशासन (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश) डॉ. राजा गणपति आर तक पहुंच गया है. उन्होंने इस मामले में अपर निदेशक हेल्थ डॉ. केके वर्मा से जवाब तलब किया है. उन्होंने अपर निदेशक से पूछा है कि शिकायत मिलने के बाद इस मामने में उनके स्तर से क्या कार्रवाई की गई. रिश्वतखोरी की शिकायत करने वाले कुछ डॉक्टरों ने ट्वीट में लिखा है कि अपर निदेशक (स्वास्थ्य) प्रयागराज कार्यालय में डीसीएच कोर्स में तीन साल की एसीआर की प्रमाणित प्रति के लिए वहां तैनात स्टेनो ओम प्रकाश यादव की ओर से हजारों रुपए के रिश्वत मांगें जा रहे हैं. इस मामले में संयुक्त निदेशक डॉ. वीके मिश्रा ने बताया कि उन्हें नोटिस के बारे में जानकारी नहीं है.