गोरखपुर न्यूज़: बिजली निगम के नगरीय वितरण खण्ड द्वितीय बक्शीपुर के अभियंताओं व कर्मचारियों ने बिल सुधार की आंधी में 70 हजार के बकाए बिजली बिल को महज 3212 रुपये में निपटाने का मामला उजागर हुआ है. एक जागरुक उपभोक्ता ने इस बिल सुधार पर सवाल उठाते हुए सीएम व चेयरमैन से शिकायत की है. उसने कहा है कि खण्ड के जिम्मेदारों ने बिल सुधार के नाम पर 67 हजार की आर्थिक चपत बिजली निगम को लगाई है.
मुख्य अभियंता ने मामले का संज्ञान लेकर प्रकरण की जांच के लिए दो सदस्यी टीम बनाकर सप्ताहभर में रिपोर्ट तलब की है.
नगरीय वितरण मण्डल के वितरण खण्ड द्वितीय बक्शीपुर क्षेत्र के नथमलपुर के राधेश्याम शर्मा ने शिकायत की है कि बक्शीपुर खंड से एक कनेक्शन 1971 में जारी हुआ. निगम की तरफ से 2007 तक बिजली उपभोग के यूनिट के आधार पर बिल जारी हुआ.
अगस्त 2005 को उपभोक्ता के कनेक्शन पर 31,751 हजार रुपये बिजली बिल बकाया था. इस कनेक्शन पर 2008 तक करीब 70 हजार रुपये बिजली बिल बकाया दर्ज हो गया. शिकायतकर्ता का आरोप है कि उपभोक्ता के वर्तमान बिजली बिल के बकाए के सभी कागजात को दफ्तर से गायब कर दिया गया है. अप्रैल 2005 में 5195 रुपये के बकाए में जमानत राशि 2400 रुपये काट कर शेष धनराशि, 2975 रुपये पर 471 रुपये का ब्याज जोड़कर 3212 रुपये का बिजली बिल जमा करवा लिया गया है. इस संबंध में मुख्य अभियंता ई. आशु कालिया ने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम गठित की है. रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
इस तरह के पहले भी सामने आ चुके हैं मामले
यह प्रकरण हाल के दिनों में ही निस्तारित हुआ है. ऐसे में कागजों में हेराफेरी कर एक मामले में ही बिजली निगम को 67 हजार रुपये की आर्थिक चपत जिम्मेदारों ने लगा दी है. उपभोक्ता ने शिकायती पत्र में इस मामले का हवाला देते हुए बड़े गोलमाल की आशंका जताई. 2005 से 2015 तक के बीच के कनेक्शनों व बिलों की जांच की मांग की. कहा कि जांच होने से सरकारी धनराशि के गबन के मामले को सामने किया जा सकता है. मुख्यमंत्री व चेयरमैन एम देवराज से उन्होंने पूरे मामले को लेकर फिर 27 अक्तूबर को शिकायत की है.