पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने में 7 साल की सजा

Update: 2023-08-09 11:27 GMT
संभल/चन्दौसी। दहेज के लिए पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में अदालत ने पति को दोषी करार देते हुए सात वर्ष के कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। मामला थाना बनियाठेर के गांव नेहटा का है। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की अदालत ने सुनाया फैसला।
थाना कुढ़फतेहगढ़ क्षेत्र के गांव खबरिया निवासी नेपाल पुत्र तेजराम ने पांच फरवरी 2019 को थाना बनियाठेर में तहरीर दी थी। जिसमें कहा था कि उसने अपनी बेटी सोमवती उर्फ सोनम की शादी तीन साल पहले सीटू निवासी गांव नेहटा थाना बनियाठेर से की थी। शादी में दिए दान से ससुराल वाले खुश नहीं थे। बताया कि पांच फरवरी 2019 की सुबह करीब सात बजे गांव नेहटा के ही प्रेमपाल ने उसे फोन पर बताया कि उसकी बेटी सोमवती उर्फ सोनम को उसके ससुराल वालों ने दहेज न लाने के कारण गला घोंट कर मार दिया है।
पुलिस ने पीड़ित पिता की तहरीर पर पति सीटू, ससुर रामबहादुर, सास सोमवती निवासी गण गांव नेहटा के खिलाफ 498ए, 304बी व धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली और साक्ष्य जुटा कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। अभियोजन पक्ष से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी हरिओम प्रकाश उर्फ हरीश सैनी ने दलीलें पेश कीं।
मंगलवार को मुकदमे पर सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव ने साक्ष्य के अभाव में दहेज हत्या में सभी को दोष मुक्त कर दिया। मामला आत्महत्या के लिए उकसाने का सिद्ध हुआ। धारा 306 के अंतर्गत पति सीटू को दोषी करार देते हुए सात वर्ष का कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। अर्थदण्ड अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी।
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