लखनऊ: यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से कराई गई दरोगा की सीधी भर्ती ऑनलाइन परीक्षा में अपनी जगह सॉल्वर बैठाकर पास होने वाले छह अभ्यर्थियों को शनिवार गिरफ्तार कर लिया गया। महानगर में रिजर्व पुलिस लाइन में शैक्षिक दस्तावेज, शारीरिक मापदंड परीक्षण में करतूत का पता चला। आरोपी अभ्यर्थियों ने सात-सात लाख रुपये देकर अपनी जगह दूसरे व्यक्ति को बैठाकर परीक्षा पास की थी।
इंस्पेक्टर महानगर दिनेश चंद्र मिश्र के मुताबिक शनिवार को डीवी/पीएसटी के लिए करीब तीन सौ अभ्यर्थी पुलिस लाइन पहुंचे थे। दस्तावेज चेकिंग के दौरान मैनपुरी खरगजीत नगर निवासी रजत कुमार, शामली झिझना निवासी पिंकू कुमार, बुलंदशहर खुर्जा निवासी प्रतीक चौधरी, हरियाणा सरूपगढ़ निवासी दीपक, मुजफ्फरनगर निवासी हसीन चौधरी और शामली खेड़ा कुरतानी निवासी आशुतोष शर्मा पर शक हुआ। उनसे पूछताछ की गई। संदिग्ध अभ्यर्थियों की जानकारी महानगर पुलिस को दी गई, जिस पर सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। अनुसचिव भर्ती रश्मि रानी की तहरीर पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
अभ्यर्थी रजत कुमार के मुताबिक उसका सेंटर आगरा के कृष्णा इंफोटेक में गया था। परीक्षा पास करने के लिए परिचित की मदद से कृष्णा इंफोटेक के संचालक महेश चन्द्रा से सम्पर्क किया था। जिन्होंने दूसरे व्यक्ति को बैठा कर परीक्षा देने के बदले सात लाख मांगे थे। दो लाख पहले दिए गए थे। पांच लाख परीक्षा में चयनित होने के बाद दिए गए थे। इसी तरह आशुतोष शर्मा, हसीन चौधरी, दीपक कुमार और पिंकू कुमार ने भी महेश चन्द्रा को सात-सात लाख रुपये दिए थे। वहीं, प्रतीक चौधरी का सेंटर आगरा के एस डब्लू इंफोटेक में पड़ा था। उसने भी पांच लाख रुपये देकर ऑनलाइन परीक्षा पास की थी।
इंस्पेक्टर के मुताबिक अभ्यर्थी रजत कुमार की पहचान आगरा जिला पंचायत कार्यालय में तैनात पंकज कोटिया से थी। जिसकी मदद से उसने कृष्णा इंफोटेक के संचालक महेश चन्द्रा से सम्पर्क किया था। इंस्पेक्टर के मुताबिक अभ्यर्थियों से मिली जानकारी के आधार पर पंचायत कर्मी पंकज कोटिया, कृष्णा इंफोटेके के महेश चन्द्रा, अंकुर और महबूब भाई को भी आरोपी बनाया गया है। इन आरोपियों तलाश के लिए टीमें रवाना की गईं हैं।