paper leak से मिली रकम की मनी , लॉन्ड्रिंंग को बनाईं 6 कंपनियां

Update: 2024-08-09 07:15 GMT
उत्तर प्रदेश में समीक्षा अधिकारी (आरओ), सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) और सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस के सरगना राजीव नयन मिश्रा के बारे में नया खुलासा हुआ है। राजीव नयन मिश्रा ने ग्रेटर नोएडा स्थित अपने एक फ्लैट के पत्ते पर छह कंपनियां बना रखी थीं। इन कंपनियों के माध्यम से ही अभ्यार्थियों से नकद में लिए जाने वाले रुपये को ब्लैक से व्हाइट में बदला जाता था। इन कंपनियों के कामों की जांच STF एसटीएफ और ईडी रही हैं। जांच एजेंसियां राजीव नयन मिश्रा को भर्ती परीक्षा के पेपर लीक करने का मास्टरमाइंड मानती हैं और उसके द्वारा अनेक पेपर लीक कराकर सैकड़ों करोड़ की वसूली करने का अनुमान है। एसटीएफ ने उसे अप्रैल में ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ एक दिन पूर्व ईडी भी लखनऊ में मनी लॉन्ड्रिंंग का मामला दर्ज करा चुकी है और उसके खिलाफ जांच जारी है। एसटीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार राजीव नयन मिश्रा का एक फ्लैट ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित सोसाइटी में है और इसी सोसाइटी के पत्ते पर उसने छह कंपनियां खोल रखी हैं। वर्ष 2017 से 2020 के बीच ये कंपनियां अलग-अलग नाम से खोली गईं।
इन सभी कंपनियों को पार्टनरशिप में खोला गया और इनमें कई पार्टनर भी बनाए गए। हालांकि, इनमें सबसे ज्यादा शेयर Rajeev Nayan राजीव नयन का ही था। वर्ष 2017 से ही उसने इन कंपनियों के जरिये ब्लैक मनी को व्हाइट में बदलने का काम शुरू कर दिया था। इन कंपनियों में हुए पूरे लेन-देन की जांच अब ईडी द्वारा की जाएगी। एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार, पेपर लीक कराने के बाद वह सभी अभ्यार्थियों से नगद में पैसा लेता था और उस पैसे को इन कंपनियों के माध्यम से व्हाइट में बदला जा रहा था। इन कंपनियों ने अभी तक कहां-कहां पर क्या काम किए हैं, इनको लेकर भी जांच की जाएगी। उसके ग्रेटर नोएडा स्थित फ्लैट और दादरी स्थित एक भूखंड को ईडी की टीम जब्त भी कर चुकी है। राजीव नयन और रवि अत्री की संपत्ति खंगाली जा रही
पेपर लीक
कांड में ग्रेटर नोएडा का रवि अत्री भी मुख्य आरोपी है, जो जेल में है। पुलिस की मानें तो रवि और राजीव दोनों करीबी हैं। पेपर लीक में दोनों साथ रहे। दोनों को ही शिक्षा माफिया घोषित करने की भी कवायद चल रही है। इसके लिए एसटीएफ की टीमें जुटी हैं और उनकी संपत्तियों का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है। इनकी संपत्तियों के बारे में मिली जानकारी को जांच एजेंसी ईडी से भी साझा करेंगी, ताकि उन्हें जब्त किया जा सके।
ये कंपनियां खोलीं : 1. सेमवॉल्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा 2. वेब ई एंड आई प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा 3. सेमवाल्ट फूड क्लब प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा 4. रेडी टु मूव कार्गो सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा 5. सेमवाल्ट डाइमेंसन प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा 6. मेडिचॉइस प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा Greater Noida
Tags:    

Similar News

-->