50 बाहरी शिक्षक बनेंगे कक्ष निरीक्षक, छात्राओं के लिए उनके स्कूल ही बनेंगे स्वकेन्द्र
वाराणसी न्यूज़: यूपी बोर्ड परीक्षा में पिछली बार की गड़बड़ियां रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी लगाने में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है. हर केंद्र पर 50 फीसदी बाहरी शिक्षकों की ड्यूटी अनिवार्य कर दी गई है. वहीं, बालिकाओं के लिए उनके स्कूल स्वकेंद्र बनाए गए हैं.
यूपी बोर्ड परीक्षा-2022 में प्रयोग के तौर पर स्कूलों पर वहीं के शिक्षकों को ड्यूटी नहीं दी गई थी. केंद्र परीक्षक और पर्यवेक्षक के रूप में दूसरे स्कूलों से आए शिक्षक स्कूल की व्यवस्था के बारे में ज्यादा नहीं जानते थे. इसलिए परीक्षा के शुरुआती दिनों में भारी अव्यवस्था देखने को मिली. उन कमियों को दूर करने के लिए इस बार स्कूलों पर कक्ष निरीक्षक के रूप में 50 फीसदी बाहरी और 50 फीसदी आंतरिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है.
डीआईओएस गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि सभी बालिका स्कूलों की बच्चियों को स्वकेंद्र की सुविधा दी गई है. इन स्कूलों में भी 50 फीसदी बाहरी कक्ष निरीक्षक तैनात होंगे. इसके साथ हर केंद्र पर आंतरिक और बाह्य केंद्र व्यवस्थापक के साथ एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है. परीक्षा के दिन उनके सामने ही स्ट्रांग रूम का ताला और पेपरों की सील खोली जाएगी.
यूपी बोर्ड की से शुरू हो रही परीक्षा में नकल रोकने को एसटीएफ व एलआईयू की टीमें भी लगाई गई हैं. परीक्षार्थियों को नकल कराने का प्रयास किया गया तो आरोपितों पर एनएसए के तहत कार्रवाई होगी. बोर्ड ने प्रदेश में बनाए गए 8753 केंद्रों में से 242 को अतिसंवेदनशील और 936 केंद्रों को संवेदनशील के रूप में चिह्नित किया है.
इनकी सूची भी पुलिस और खुफिया एजेंसियों को दी गई है ताकि नकल माफिया अपने मंसूबों में सफल न होने पाएं. खास बात यह है कि 8753 केंद्रों के 1.43 लाख परीक्षा केंद्रों की निगरानी के लिए लगभग तीन लाख वॉयस रिकॉर्डरयुक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इन्हें डीवीआर, राउटर और हाईस्पीड इंटरनेट से जोड़ा गया है. सभी जिलों में 1390 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 455 जोनल मजिस्ट्रेट, 521 सचल दल और 75 राज्य स्तरीय पर्यवेक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है.
यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि सभी 75 जिलों के साथ ही राज्य स्तर पर लखनऊ में सभी तकनीकी सुविधाओं से युक्त कंट्रोल रूम और मॉनीटरिंग सेंटर बनाए गए हैं जिनके माध्यम से 8753 केंद्रों की वेब-कास्टिंग के जरिए लाइव मॉनीटरिंग कराने की व्यवस्था की गई है.