लखनऊ। यूपी कोआपरेटिव बैंक की शाखा से 146 करोड़ के मामले में लोक भवन के सेक्शन ऑफिसर समेत 5 लोगों को अरेस्ट किया गया है। साइबर क्राइम की टीम ने मंगलवार को उनकी गिरफ्तारी की। फ्रॉड में टीम ने लोक भवन में कार्यरत सेक्शन अफसर रामराज और महमूदाबाद स्थित कोआपरेटिव बैंक के असिस्टेंट मैनेजर कर्मवीर समेत पांच लोगों को पकड़ा। इसके तार पूर्व बैंक मैनेजर आरएस दुबे से जुड़े हैं। अन्य आरोपियों में शाहजहांपुर का रहने वाला ध्रुव, रायबरेली रोड का भूपेंद्र और बालागंज का रहने वाला आकाश है। इनसे भी पूछताछ की जा रही है। प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि पांचों को पूर्व बैंक मैनेजर आरएस दुबे ने गिरोह में जोड़ा था।
बैंक फ्रॉड करके दिल्ली भाग गया था सतीश
इंस्पेक्टर मुस्लिम खां ने बताया कि बैंक से रुपए निकालने के बाद सतीश दिल्ली भाग गया था। बैंक से दूसरे खातों में रुपए ट्रांसफर करने में सतीश ने कई लोगों की मदद भी ली। वह लखनऊ से लेकर दिल्ली तक कई लोगों के संपर्क में था। रुपए सतीश के कई करीबियों के खाते में भी पहुंचे थे। आरएस दुबे और उनके लोगों ने करीब चार से पांच माह पहले ही बैंक फ्रॉड की योजना बना ली थी। इसके बाद यह वारदात को अंजाम देने के लिए तानाबाना बुन रहे थे। इसके लिए गिरोह ने कई जगहों पर मीटिंग भी की थी। साजिश के तरीके से आरएस दुबे साइबर एक्सपर्ट दो से तीन युवकों के साथ बैंक में जाकर बैठता था।
यह लोग घंटों बैठते थे बैंक में अपने लैपटॉप लगाकर काम भी करते थे।इसी दौरान आरएस दुबे और गिरोह से जुड़े साइबर एक्सपर्ट व अन्य लोगों ने बैंक के दो कर्मचारियों को यूजर आईडी और पासवर्ड ले लिया। इसके बाद 146 करोड़ रुपए बिल्डर समेत आठ बैंक खातों मे ट्रांसफर किए थे। समय रहते साइबर क्राइम थाने को मामले की जानकारी हुई। टीम ने सभी खाते फ्रीज करके रुपया बैंक खातों में वापस मंगा लिया था। इस मामले में बीते दिनों साइबर क्राइम मुख्यालय के एसपी त्रिवेणी सिंह और उनकी टीम ने पूर्व बैंक प्रबंधक आरएस दुबे, बिल्डर गंगा सागर चौहान और साइबर एक्सपर्ट सतीश को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।