39 लाख ग्रामीण दीदियां नेटबैंकिंग करना सीखेंगी

Update: 2023-05-13 08:31 GMT

लखनऊ न्यूज़: गांवों में रहते हुए स्वयं सहायता समूहों के जरिये आजीविका से जुड़ने वाली 39 लाख ग्रामीण महिला दीदियां अब नेटबैंकिंग के साथ ही वित्तीय साक्षरता के गुर सिखेंगी. छह दिनों के प्रशिक्षण के बाद इन महिलाओं के पास वित्तीय लेन-देन खासकर डिजिटल बैंकिंग लेन-देन का इतना ज्ञान होगा कि वह अपनी कारोबारी गतिविधियों को आसानी से आगे बढ़ा सकें. इन्हें क्रेडिट, इंश्योरेंस, डिजिटल फाइनेंस, पेंशन स्कीम आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पहल पर उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण देने का विस्तृत खाका खींचा है. आजीविका मिशन की निदेशक सी. इंदुमति ने चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3 लाख 84 हजार 748 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी करीब 39 लाख महिलाओं को वित्तीय साक्षरता के लिए प्रशिक्षित करने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया है.

हर जिले में आरसेटी के माध्यम से होगा प्रशिक्षण महिलाओं को वित्तीय साक्षर करने की जिम्मेदारी मिशन से जुड़े 4000 फाइनेंसियल लिटरेसी कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन को दी गई है.

ये रिसोर्स पर्सन समूह की दीदियों को हर जिला मुख्यालय पर स्थित रुरल सेल्फ इंप्लायमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (आरसेटी) के माध्यम से वित्तीय साक्षरता का प्रशिक्षण दिलाएंगे.

छह प्रशिक्षण मॉड्यूल: मिशन से मिली जानकारी के मुताबिक प्रशिक्षण छह दिन का होगा. जिसमें छह माड्युल पर महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा. खासकर एकाउंट ओपनिंग, क्रेडिट, इंश्योरेंस, डिजिटल फाइनेंस, पेंशन स्कीम और फाइनेंसियल प्लानिंग पर अधिक फोकस रहेगा. महिलाओं को जिला मुख्यालय स्थित आरसेटी सेंटर पर प्रशिक्षण दिलाने का सारा खर्च आजीविका मिशन उठाएगा.

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