धूम्रपान से 30 फीसद महिलाओं में प्रसव संबंधी दिक्कतों की आशंका

Update: 2024-03-23 04:57 GMT

मेरठ: धूम्रपान करने वाले सावधान हो जाएं. बीड़ी, सिगरेट और हुक्का फेफड़े, दिल और गुर्दे ही खराब नहीं करते हैं. इससे गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु को भी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. इससे तीन माह के भीतर गर्भपात और प्रसव संबंधी जटिलता 30 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. धुएं में मौजूद हानिकारक रसायन भ्रूण विकास रोककर उसे नुकसान पहुंचाते हैं. यह जानकारी केजीएमयू की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता ने को विश्व धूम्रपान निषेध दिवस के उपलक्ष्य में दी.

डॉ. सुजाता ने बताया कि धू्म्रपान से शरीर में निकोटिन, कार्बन मोनो ऑक्साइड और टार जैसे हानिकारक रसायन शरीर में प्रवेश करते हैं. ये फेफड़ा, दिल और गुर्दा समेत दूसरे अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं. धूम्रपान से महिलाओं के शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचता. साथ ही इससे शिशु को सांस संबंधी परेशानी भी हो सकती है. नवजात का कम वजन, सुनने, आंख और दिमाग से जुड़ी दिक्कतें और दिल की बीमारी हो सकती है. नवजात बच्चे में हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है.

हर माह 10 मरीजों में मिल रहा कैंसर पीजीआई के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ. आलोक नाथ ने बताया कि धूम्रपान से फेफड़ों समेत शरीर के दूसरे अंगों में कैंसर हो सकता है.

सिगरेट, बीड़ी का धुआं सीधे तौर पर फेफड़ों का प्रभावित करता है. इससे मुंह, गले, स्तन, सांस और खाने की नली समेत दूसरे अंगों के कैंसर हो सकते हैं. जानकारी के अनुसार बता दें कि विभाग की ओपीडी में हर माह 10 मरीजों के फेफड़ों के कैंसर की पुष्टि हो रही है.

घातक रसायन:

● तम्बाकू के धुएं में सात हजार से अधिक घातक रसायन होते हैं. इनमें 70 रसायन कैंसर पैदा कर सकते हैं.

● पहले कश में निकोटिन छह सेकेंड में मस्तिष्क तक पहुंचता है, जो दिमाग के लिए घातक हो सकता है.

● केजीएमयू रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त के मुताबिक एयरपोर्ट, होटल आदि जगहों पर धूम्रपान पर रोक हो.

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