मनरेगा के तहत ग्रामीण श्रमिकों को 3 करोड़ भुगतान, शेष की प्रक्रिया जारी
बीते रोज तीन करोड़ रुपये मजदूरों को भुगतान किया गया
कानपूर: गरीब ग्रामीणों का मनरेगा के तहत बकाया चल रहा मेहनताना अब उनके बैंक खाते में पहुंचने लगा है. बीते रोज तीन करोड़ रुपये मजदूरों को भुगतान किया गया. के पहले मजदूरों को शेष धनराशि दिए जाने के प्रयास जारी हैं. अधिकारी ग्रामीणों को जल्द भुगतान का भरोसा दिला रहे हैं.
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत लगातार काम लिए जाने के बावजूद ग्रामीण जाबकार्डधारकों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा था. नवंबर माह से भुगतान नहीं होने के चलते श्रमांश का बकाया 13,45,96,000 रुपये पहुंच गया था. यही नहीं पांच महीने में गिट्टी, सीमेंट, मौरम, बालू आदि सामग्री की बकाएदारी 36,18,,000 रुपये हो गयी है. का पर्व करीब आते देख मजदूरों ने अधिकारियों व ग्राम प्रधानों से मजदूरी का तकादा शुरू कर दिया था. वह जिला से ब्लाक मुख्यालय तक की परिक्रमा लगाने लगे थे. जिसके बाद जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने श्रमिकों को से पहले बकाया भुगतान की कमान खुद संभाल ली. उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मुख्यसचिव के समक्ष इस मुद्दे को उठाया और मनरेगा जाबकार्डधारकों के बैंक खातों में बकाया मजदूरी भेजने का आग्रह किया.
जिसके बाद शासन ने तीन करोड़ रुपये जाबकार्डधारकों के बैंक खातों में हस्तांतरित कर दिए. इसके अलावा शेष धनराशि के जल्द भुगतान की उम्मीद जताई जा रही है. उपायुक्त मनरेगा रवींद्रवीर सिंह यादव के मुताबिक सभी जाबकार्डधारकों को से पहले मजदूरी का भुगतान कर दिया जाएगा.