मेरठ-मुजफ्फरनगर हाइवे पर बीते पांच सालों में सड़क हादसों में 250 लोगों ने गंवाई जान

Update: 2022-11-04 18:23 GMT
गौतम बुद्ध नगर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय मार्ग -58 के मेरठ और मुजफ्फरनगर के बीच के 78 किलोमीटर लंबे हिस्से पर बीते पांच साल में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर आवेदन के जवाब में यह जानकारी उपलब्ध कराई है।
एनएचएआई ने बताया कि राष्ट्रीय मार्ग के इस हिस्से पर जनवरी 2018 से 2633 सड़क हादसे हुए हैं जिनमें 2499 लोग जख्मी हुए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी की ओर से मुहैया कराई गई जानकारी के मुताबिक, 78 किलोमीटर का यह हिस्सा सिवाया टोल प्लाज़ा के अंतर्गत आता है और इसमें 13 'ब्लैक स्पॉट' (दुर्घटना संभावित क्षेत्र) थे, लेकिन 2018 से सिर्फ चार 'ब्लैक स्पॉट' को ही दुरुस्त किया गया।
आरटीआई आवेदन दायर करने वाले सड़क सुरक्षा कार्यकर्ता एवं नोएडा निवासी अमित गुप्ता ने कहा, " सिवाया टोल प्लाज़ा का संचालन पश्चिमी उत्तर प्रदेश टॉलवे लिमिटेड करता है और यह 2011 में वाणिज्य संचालन के लिए शुरू किया गया था और रोज़ाना 40,000 से ज्यादा वाहन इससे गुजरते हैं।"
उनके मुताबिक, यह निर्माण की लागत से दोगुना पैसा वसूल कर चुका है बावजूद इसके 'ब्लैक स्पॉट' दुरुस्त नहीं किए गए हैं। एनएचएआई के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 31 अक्टूबर तक 78 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 512 हादसे हुए हैं जिनमें 53 लोगों की मौत हुई है तथा 453 लोग घायल हुए हैं।
आंकड़ों के अनुसार, 2021 में 546 दुर्घटनाएं हुई थी जिनमें 59 लोगों की मौत हुई थी तथा 436 लोग जख्मी हुए थे जबकि 2020 में 429 हादसों में 36 लोगों की जान चली गई थी और 330 लोग घायल हुए थे। जवाब के मुताबिक, 2019 में इस मार्ग पर 687 दुर्घटनाएं हुई थी तथा 38 लोगों की मौत हुई थी और 653 लोग जख्मी हुए थे जबकि 2018 में हुए 459 हादसों में 70 लोगों की जान चली गई थी और 645 लोग घायल हुए थे।

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