पार्टी के जिला मुख्य महासचिव फैसल वारसी के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली एवं पूर्वांचल अध्यक्ष इरफान मलिक से कई बार आग्रह किया गया कि वह प्रयागराज के जिलाध्यक्ष शाह आलम के लिए आवाज उठाएं, लेकिन उनकी ओर से इसकी कोई भी सुध नहीं ली गई है।
एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष मो. शाह आलम के अटाला प्रकरण में आरोपी बनने के बाद प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के पार्टी पदाधिकारियों की खामोशी के विरोध में जिले के पदाधिकारियों में भारी रोष है। इसी क्रम में पार्टी के जिला व महानगर के पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला किया है।
पार्टी के जिला मुख्य महासचिव फैसल वारसी के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली एवं पूर्वांचल अध्यक्ष इरफान मलिक से कई बार आग्रह किया गया कि वह प्रयागराज के जिलाध्यक्ष शाह आलम के लिए आवाज उठाएं, लेकिन उनकी ओर से इसकी कोई भी सुध नहीं ली गई है। जिलाध्यक्ष शाह आलम पूरी तरह से निर्दोष हैं और उन्हें इस प्रकरण में जबरदस्ती घसीटा गया है। जबकि अटाला मामले में उनका दूर-दूर तक उनका कोई हाथ नहीं था।
उन्हें राजनीतिक उद्देश्य के साथ फंसाया गया है। वह हमेशा से शांति और सौहार्द बनाए जाने के पक्षदारी रहे हैं। पार्टी के प्रयागराज जिलाध्यक्ष के प्रति प्रदेश के पदाधिकारियों की चुप्पी से पार्टी के पदाधिकारियों में आक्रोश है। इसी क्रम में पार्टी के जिला व महानगर के पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया है।
दोनों कमेटियों के पदाधिकारियों समेत लगभग 250-300 लोग मंगलवार को दाराशाह अजमल स्थित नगर कार्यालय में शाम चार बजे सामूहिक त्यागपत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को सौपेंगे। मालूम हो कि एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष मो. शाह आलम के ऊपर आरोप है कि उन्होंने अटाला में हुए हिंसा में भूमिका निभाई थी। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत को भी खारिज कर दिया था।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्वांचल अध्यक्ष की ओर से खुलेतौर पर मनमानी की जा रही है। पार्टी के जिलाध्यक्ष जोकि पूरी तरह से निर्दोश हैं उनके लिए पार्टी कोई भी आवाज उठाने से कतरा रही है। पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं में इसको लेकर व्यापक आक्रोश है। मंगलवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस्तीफा भेजा जाएगा। - फैसल वारसी, मुख्य महासचिव (जिला)
पार्टी में कुछ लोग मनमाने तरीके से कार्य कर रहे हैं। इससे पार्टी को गहरा नुकसान हो रहा है। अब राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से ही उम्मीदें है कि वह पूरे मामले को संज्ञान में लेंगे। पार्टी के तमाम पदाधिकारियों ने एकमत्र होकर इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।