अयोध्या। राम नगरी में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग निदेशालय ने यहां नई इकाइयों में 1600 करोड़ रुपए निवेश कराने का लक्ष्य बनाया है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर निवेशकों की सुविधा और परामर्श के लिए इन्वेस्टर हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है और औद्योगिक संगठनों से वार्ता के लिए अधिकारियों की तैनाती की गई है। सभी को प्रदेश सरकार की ओर से निवेश को आकर्षित करने के लिए फरवरी 23 में प्रस्तावित ग्लोब इन्वेस्टर सम्मिट के पूर्व तैयारी का जिम्मा दिया गया है।
फरवरी 23 में लखनऊ में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट में प्रदेश सरकार को माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज ( एमएसएमई), टेक्सटाइल, कृषि आधारित व पर्यटन से संबंधित उद्योग में भारी निवेश मिलने की उम्मीद है। राम मंदिर निर्माण के साथ क्षेत्र में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नई इकाइयों में 16 सौ करोड़ के निवेश का लक्ष्य तय किया है। इसका जिम्मा जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र को सौंपा है।
उपायुक्त उद्योग अमरेश कुमार पांडे ने बताया कि निवेश लक्ष्य को हासिल करने के लिए क्षेत्र के औद्योगिक संगठनों से वार्ता और योजनाओं की जानकारी उनको उपलब्ध कराने के लिए सहायक प्रबंधक डॉ एमके मौर्य व केके सिंह को जिम्मेदारी दी गई है। साथी निवेशकों की सुविधा और परामर्श के लिए इन्वेस्टर हेल्पडेस्क स्थापित हुआ है तथा इसका प्रभारी अपर सांख्यकीय अधिकारी राम आशीष को बनाया गया है। वही वरिष्ठ सहायक आशुतोष शुक्ला सम्मिट से संबंधित प्रपत्र उपलब्ध कराएंगे।
निवेश पर मिलेगा यह लाभ
एमएसएमई योजना 2022 के तहत निवेशकों को इकाई की स्थापना के लिए भूमि खरीद पर 100 फीसदी स्टांप ड्यूटी की छूट दी जाएगी। ऋण योजना में 15 से 35 फ़ीसदी सब्सिडी, 10 वर्षों तक इलेक्ट्रिक ड्यूटी में छूट, 5 से 7 वर्ष तक ब्याज सब्सिडी, निवेश मित्र के माध्यम से समस्याओं का त्वरित निदान, उद्योग की स्थापना में अवस्थापना सुविधाओं के लिए अनुदान दिया जाएगा तथा आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र 72 घंटे के अंदर उपलब्ध कराया जाएगा।