झांसी। बुंदेलखंड के झांसी जिले के 14 युवाओं को लग्जरी गाड़ियों में घूमने का शौक और अय्याशी इतनी भारी पड़ी है कि सभी अब सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। पुलिस गिरफ्त में आए इन युवकों के गिरोह के फ्रॉड के बारे में अगर आप सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे। ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड का ये खेल 400 करोड़ का है।दरअसल बुंदेलखंड के इन ऑनलाइन गेमिंग फ्राडबाजों के गिरोह का कनेक्शन दुबई, नेपाल, हांगकांग, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान सहित 11 देशों में मजबूती के साथ काम कर रहा था। नोएडा में जाकर गेमिंग फ्रॉड का ऐसा जाल बिछाए थे कि जिसमें एक बार जो शख्स इनके जाल में फंसा वह बर्बाद होकर रह गया, तबाही की कगार पर आ गया। सट्टेबाजी का ऑनलाइन गेम खिलाकर बुंदेली युवाओं का यह गिरोह डी-गैंग के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर हो चुका था। 400 करोड़ रुपए से भी अधिक की ऑनलाइन सट्टेबाजी का गोरखधंधा चलाने वाले सट्टेबाजों ने पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद कबूला है।
गैंग को दुबई से चलाने वाला मास्टर माइंड है सौरव लट्ठा पूरे मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि इस गैंग को दुबई से संचालित करने वाला मास्टरमाइंड का नाम सौरव लट्ठा है। ऑनलाइन के जरिए 100 की बेट से लेकर हजारों लाखों रुपए तक की बेट एक बार में लोगों से लगवाता था। वहीं झांसी के रहने वाले 14 आरोपी सचिन के अंडर में काम करते थे। नोएडा से इस पूरी गैंग को ऑपरेट करने वाले सचिन दुबई के मास्टर माइंड से सीधा संपर्क करता था। वहीं नोएडा में गैंग चला रहे दूसरे मास्टर माइंड ने सचिन सोनी के जरिए 2 लोगों को दुबई में ट्रेनिंग करवाई थी।गैंग के कई देशों में 60 से अधिक मिले बैंक के एकाउंट इस गैंग के अलग-अलग देशों में 60 से ज्यादा बैंक के अकाउंट मिले हैं।
जिसमें डेढ़ करोड़ रुपए की नकदी जब्त की गई है। इसके अलावा 100 से अधिक फोन, दर्जनों एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, लग्जरी गाड़ियां और दर्जनों पासपोर्ट भी पुलिस ने जब्त किए हैं। वहीं गिरोह के दो शातिर दिव्य प्रकाश और अक्षय तिवारी दुबई में ट्रेनिंग लेने के बाद करीब 12 दिनों तक दुबई में काम भी किए थे। इतना ही नहीं, नोएडा में इस गिरोह के मास्टर माइंड सचिन सोनी ने दिव्य प्रकाश और अक्षय तिवारी को दिल्ली एयरपोर्ट पर तीन मोबाइल और पांच लैपटॉप उपलब्ध करवाए थे। दुबई में काम करके दोनों शातिर ठग 27 नवंबर को भारत लौट आए थे।पुलिस ने गिरोह के इन सदस्यों का किया पर्दाफांसपुलिस ने बताया कि तरुण, राहुल, अभिषेक, आकाश साहू, हिमांशु, दिव्य प्रकाश, हर्षित चौरसिया, अक्षय तिवारी, नीरज गुप्ता, आकाश जोशी, दीपक झांसी के रहने वाले हैं।
इसके अलावा एक अभियुक्त जालौन का और एक अभियुक्त लखनऊ का रहने वाला है। ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड में लोगों को फंसाने के लिए गिरोह 100 रुपए से लेकर अनलिमिटेड बेट लगवाता था। इसके लिए गिरोह गूगल-पे, फोन-पे के अलावा तमाम ऑनलाइन पेमेंट साइट से पैसा लेता था। अलग-अलग साइटों को भेजकर गिरोह लोगों से सट्टा लगवाता था। सट्टे में छोटी रकम आने पर गिरोह ग्राहक को पेमेंट भी करता था। वहीं ग्राहक की बड़ी रकम फंसने पर यह गिरोह उस ग्राहक की आईडी को ब्लॉक कर देता था। पुलिस को आरोपियों के पास से 100 से अधिक फर्जी सिम कार्ड भी बरामद हुए हैं। फिलहाल इस गिरोह से पुलिस गहनता से पूछताछ कर रही है। वहीं पाकिस्तान में भी इस गिरोह का नेटवर्क होने के बाद अब जांच एजेंसियां और सुरक्षा एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं।