अयोध्या में शादी अनुदान बंद, जिले में 3,328 आवेदन लंबित
गरीब बेटियों के हाथ पीले करने को लागू की गयी शादी अनुदान योजना अब बंद हो गई है
अयोध्या। गरीब बेटियों के हाथ पीले करने को लागू की गयी शादी अनुदान योजना अब बंद हो गई है। बेटियों की शादी को जिन गरीबों ने बड़े ही आस के साथ आवेदन किया था उन्हें अब अनुदान मिलना संभव नहीं है।
इस योजना के अंतर्गत अयोध्या जनपद में सामान्य, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और असुसूचित जाति में करीब 3,228 गरीबों के आवेदन लंबित ही रह गये। सबसे अधिक पिछड़ा वर्ग के गरीबों ने बेटियों के हाथ पीले कराने को आवेदन किये थे। समाज कल्याण विभाग से जुड़े पोर्टल ने काम करना ही बंद कर दिया है। पोर्टल के माध्यम से ही शादी अनुदान को आवेदन किये जाने की व्यवस्था की गयी थी।
बजट के आहरण पर पहले ही रोक लगायी जा चुकी थी। बताया जाता है कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में तो बजट भी उपलब्ध था। इसके बाद भी गरीबों की बेटियों को मदद देने की नौबत नहीं आ सकी। एक अप्रैल से अभी तक 423 आवेदन अल्पसंख्यक से जुड़े गरीबों की ओर से किये गये। उन्हें इंतजार था कि आखिरकार बेटियों की शादी में उन्हें मदद मिलेगी पर उनके हाथ मायूसी ही लगी है। कुल करीब 3328 आवेदन लंबित हैं।
योजना पर खर्च हो चुकी है 6.50 करोड़ की राशि
समाज कल्याण विभाग की ओर से सामूहिक विवाह समारोह का जो आयोजन किया जाता है। वह पिछले पांच वर्षों में 6.50 करोड़ रुपये का व्यय हो चुका है। मुख्य विकास अधिकारी अनीता यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में बीते पांच वर्षों में 1344 गरीबों की बेटियों को लाभान्वित किया गया है।
अब यह योजना बंद कर दी गई है, जिसके चलते 3328 आवेदक लंबित हैं। जनवरी माह में जरूर आखिरी बार सामान्य वर्ग में 71 और जाति के 150 गरीबों को उनकी बेटियों के हाथ पीले करने को 20-20 हजार का अनुदान दिया गया था। उसके बाद से योजना बंद होने के कारण पात्रों को लाभ नहीं दिया जा सका है।
अब गरीब परिवारों के सामने है बड़ा संकट
योजना के बंद होने से गरीब परिवारों के सामने बड़ा संकट है। बेटी की शादी के लिए योजना के तहत अनुदान का आवेदन करने वाले लोग परेशान हैं। लोग विकास भवन स्थित समाज कल्याण विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। विभागीय कर्मी योजना बंद होने की जानकारी दे लोगों को मना कर देते हैं। अशोक कुमार का कहना है कि सरकार को योजना बंद नहीं करनी चाहिए। पोर्टल पर शिकायत की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
अमृत विचार।