त्रिपुरा : कुर्बानी का पर्व बकरीद से पहले पशु बलि पर विशेष दिशा-निर्देशों की अधिसूचना जारी

Update: 2022-07-09 15:16 GMT

त्रिपुरा में रविवार को कुर्बानी का पर्व बकरीद से पहले पशु बलि पर विशेष दिशा-निर्देशों की अधिसूचना जारी होने और अवैध वध एवं उसके परिवहन पर प्रतिबंध को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। वार्षिक बकरीद मनाने से पहले इस तरह के फैसले पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रशासन से किसी समुदाय या संप्रदाय की धार्मिक प्रथा में हस्तक्षेप नहीं करने का आग्रह किया।

विभिन्न सामाजिक-धार्मिक संगठनों ने ईद के दिन राज्य में किसी भी तरह की सांप्रदायिक अराजकता को देखते हुए सुरक्षा कड़ी करने का आग्रह किया। इस बीच जमीयत उलेमा ङ्क्षहद के प्रदेश समिति के अध्यक्ष मुफ्ती तैयबुर रहमान ने कहा कि उन्हें कुर्बानी के पर्व पर प्रतिबंधों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा, हमें ईद के पर्व पर सरकार की ओर से कभी भी किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा और कुर्बानी इस्लाम पर विश्वास रखने वालों की एक रस्म है। हमने लोगों से अनुरोध किया है कि वे सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी पशु का वध न करें, किसी अन्य धर्म की भावना को ठेस न पहुंचायें और साथ ही सभी कचरे को निर्धारित स्थान पर निस्तारित करें।
उन्होंने बताया कि किसी भी समुदाय के धार्मिक त्योहार एक पारंपरिक प्रथा है और विशेष रूप से, ईद खुशी का त्योहार है तथा मानव समाज की भलाई के लिए अल्लाह का रहमत मांगता है। उन्होंने कहा कि इसलिए मुझे आशा है कि धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने और दूसरों की धार्मिक आस्था के सम्मान को इस बार भी और हमेशा के लिए बनाए रखना होगा, क्योंकि समाज आधुनिक शिक्षा तथा मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है।
अधिसूचना के संदर्भ को स्पष्ट करते हुए त्रिपुरा के पशु संसाधन विकास निदेशक डी के चकमा ने कहा कि यह किसी भी तरह से बकरी ईद के जश्न या किसी समुदाय या आस्था को लक्षित करने से संबंधित नहीं है क्योंकि यह पिछले 18 जून को जारी दिशा-निर्देश के आधार पर जारी किया गया था। राष्ट्रीय पशु कल्याण बोर्ड कई न्यायालय के निर्णयों और जानवरों के खिलाफ क्रूरता के खिलाफ मौजूदा कानूनों का पालन करता है। उन्होंने कहा कि दिशानिर्देशों का पालन करते हुए पशु बलि की अनुमति दी गई और सरकार का किसी भी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, हमें राष्ट्रीय पशु कल्याण बोर्ड से दिशानिर्देश प्राप्त हुए हैं जो सभी जिला मजिस्ट्रेटों और एसपी को भेज दिए गए थे क्योंकि वे प्रवर्तन एजेंसी के रूप में कार्य करते हैं।


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