त्रिपुरा: ममता बनर्जी ने कामाख्या मंदिर में की पूजा, केएमसी चुनाव में जीत का मनाया जश्न
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को गुवाहाटी के प्रसिद्ध मां कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की
गुवाहाटी/अगरतला। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister and Trinamool Congress chief Mamata Banerjee) ने मंगलवार को गुवाहाटी के प्रसिद्ध मां कामाख्या मंदिर (Maa Kamakhya Temple) में पूजा-अर्चना की। उधर, त्रिपुरा में उनकी पार्टी ने कोलकाता नगर निगम (KMC) चुनाव में तृणमूल की प्रचंड जीत का जश्न मनाया।
शहर के मालीगांव इलाके में कामाख्या मंदिर के दर्शन करने के बाद ममता अपने करीबी रिश्तेदारों के साथ गुवाहाटी से कोलकाता के लिए रवाना हुईं।
गुवाहाटी में तृणमूल प्रमुख का पार्टी की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने स्वागत किया।
सिलचर की रहने वाली और त्रिपुरा में तृणमूल का नेतृत्व कर रहीं सुष्मिता ने एक ट्वीट में कहा, ''मैं अपनी नेता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और असम के एआईटीसी की अध्यक्ष स्वागत करती हूं। वह यहां मां कामाख्या की पूजा करने और उनका आशीर्वाद लेने आई हैं।
हाल ही में पड़ोसी राज्य मेघालय से पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में कांग्रेस के 12 विधायक तृणमूल में शामिल हुए थे। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी भाजपा शासित त्रिपुरा में पैठ बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
इस बीच त्रिपुरा में तृणमूल ने केएमसी चुनावों में पार्टी की शानदार जीत का जश्न नेताओं, कार्यकर्ताओं और लोगों के बीच मिठाई बांटकर मनाया।
तृणमूल ने केएमसी चुनाव में 144 में से 134 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। साल 2015 में उसने 113 सीटें जीती थीं, जो हाल के दिनों में अब तक सबसे अधिक थीं। भाजपा सिर्फ तीन सीटें जीत सकी। वाम मोर्चा और कांग्रेस ने दो-दो सीटों पर कब्जा किया था, जबकि तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।
अगरतला में एक सभा को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी (Rajeev banerjee) और त्रिपुरा में तृणमूल के नेता सुबल भौमिक (subal bhaumik) ने कहा कि पार्टी पूर्वोत्तर राज्य में 2023 के विधानसभा चुनावों में सफल होगी और लोकतंत्र बहाल करने के लिए भाजपा को हराएगी।
राजीव बनर्जी ने कहा कि त्रिपुरा में भाजपा हाल ही में हुए निकाय चुनावों में तृणमूल के वोट शेयर को देखकर डरी हुई है।