मोदी की यात्रा के मद्देनजर त्रिपुरा की राजधानी अगरतला छावनी में तब्दील

Update: 2022-12-17 09:23 GMT
अगरतला, पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा की राजधानी अगरतला (Agartala) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किये गये हैं। कार्यक्रम स्थल के साथ-साथ श्री मोदी के ठहरने और जिन जिन रास्तों से होकर रविवार को प्रधानमंत्री का काफिला गुजरना प्रस्तावित है उन सभी जगहों पर तीन स्तरीय सुरक्षा इंतजाम किये गये हैं। यहां कल होने जा रही प्रधानमंत्री की चुनावी रैली में लगभग 70 हजार लोगों की जुटने की संभावना के मद्देनजर शहर में राज्य पुलिस के साथ विशेष सुरक्षा बल (SPG) के लगभग 1500 प्रशिक्षित जवान तैनात किये गये हैं। पश्चिम त्रिपुरा के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट देबप्रिया बर्धन ने कहा कि मोदी रविवार को एक विशेष विमान से 2 बजकर 25 मिनट पर शिलांग से एमबीबी हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे और लगभग 16 सांस्कृतिक समूह उनका स्वागत करेंगे।
त्रिुपरा के पुलिस अधीक्षक (पश्चिम त्रिपुरा) शंकर देबनाथ ने कहा कि शहर में सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किये गये हैं और प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए बीएसएफ को अलर्ट पर रखा गया है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री के विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम को लेकर भी पूरे इंतजाम किये गये हैं। रविवार को सुबह से ही शहर के उत्तरी हिस्से और एयरपोर्ट मार्ग पर वाहनों और नागरिकों की आवाजाही पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी।
प्रधानमंत्री के राज्य गेस्ट हाउस में तीन बजकर 45 मिनट पर भाजपा के मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक का भी कार्यक्रम प्रस्तावित है और शाम के साथ पांच बजकर 15 मिनट पर वह दिल्ली के लिए वापस उड़ान भरेंगे। प्रधानमंत्री का काफिला सीधा विवेकानंद स्टेडियम पहुंचेगा, जहां से वह सात आधारभूत परियोजनाओं की शुरूआत करेंगे और त्रिपुरा के पहले दंत कॉलेज की आधारशिला भी रखेंगे। इसके बाद वह राज्य की भाजपा नीत सरकार के पक्ष में दूसरी बार मतदाताओं से भारी संख्या में मतदान करने की अपील जन सभा के दौरान करेंगे। राज्य विधानसभा के चुनाव अगले साल फरवरी माह में प्रस्तावित हैं।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव (Tripura Assembly Election) में भारतीय जनता पार्टी की राह बेहद चुनौती पूर्ण हो गयी है। भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में बिप्लब कुमार देब के 51 महीने के शासनकाल में जिस तरह से बदले की राजनीति, हिंसा, गुटबाजी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया उससे भाजपा के खिलाफ जबरदस्त रोष लोगों के बीच पैदा हुआ साथ कांग्रेस, माकपा और तृणमूल कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों को बढने का मौका दिया। श्री देब ने शाही परिवार के वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन की अगुवाई में टिपरा मोथा की स्थापना कर दी।
भाजपा का जनजातीय इलाकों में भी आधार खत्म हो गया है और कांग्रेस के जिन समर्थकों ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कुछ उम्मीदों के साथ भाजपा का दामन थामा था वह खुद को कांग्रेस में लौट ही गये हैं साथ ही जाते जाते भाजपा विधायकों सुदीप रॉयबर्मन और आशीष साहा को भी अपने साथ ले गये। इस भी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा ) और कांग्रेस पहले से ही भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए एक गठबंधन की घोषणा कर चुके हैं और आगामी चुनाव से पहले अपने हितों को ध्यान में रखते हुए टिपरा मोथा भी कांग्रेस से हाथ मिलाने जा रही है।
Source : Uni India
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