त्रिपुरा: PWD में 600 करोड़ का घोटाला, अब एक्शन में प्रवर्तन निदेशालय
त्रिपुरा खबर
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) घोटाले (multi-crore Public Works Department (PWD) scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (Enforcement Directorate) ने त्रिपुरा के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री और विपक्ष के मौजूदा उप नेता बादल चौधरी (Badal Chowdhury), त्रिपुरा के पूर्व मुख्य सचिव यशपाल सिंह (Yashpal Singh) और पीडब्ल्यूडी विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता सुनील भौमिक (Sunil Bhowmik) के खिलाफ जांच शुरू की। यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत दर्ज किया गया।
जांच एजेंसी ने यह भी बताया कि उक्त मामले में कुल छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ईडी (ED) के सूत्रों के अनुसार जांच अपने प्रारंभिक चरण में है और किसी भी आरोपी को कोई नोटिस नहीं दिया गया है। अन्य तीन आरोपी के नाम नमिता गोप, कल्याणी भौमिक और अर्चना सिंह हैं। मामला सतर्कता आयोग (Vigilance Commission) की एक रिपोर्ट के बाद दर्ज किया गया था, जिसमें विकास परियोजनाओं के संबंध में धन की हेराफेरी का पता चला था।
त्रिपुरा पुलिस की अपराध शाखा (Tripura Police Crime Branch) ने आईपीसी की धारा 409, 418, 420, 421 और 120 (बी) के तहत मामले की जांच की है। अपराध जांच विभाग की ओर से पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन में 13 अक्टूबर 2019 को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें एजेंसी ने चौधरी, भौमिक और सिंह पर 2008 और 2009 के बीच पीडब्ल्यूडी परियोजनाओं में 600 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। तीनों आरोपियों पर धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, आपराधिक विश्वासघात और सबूतों को छिपाने का आरोप लगाया गया है। पुलिस सूत्रों ने कहा था कि अगरतला शहर में राज्य के फ्लाई ओवर सहित कई विकास परियोजनाओं के निर्माण में जनता के भारी धन का दुरुपयोग किया गया, लेकिन आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रहा।