विपक्षी दलों ने दुष्कर्म के आरोप के बाद की दास के इस्तीफे की मांग, जमकर किया प्रदर्शन
नार्थ ईस्ट न्यूज़: त्रिपुरा के विपक्षी दलों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को त्रिपुरा के श्रम मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता भगवान दास के इस्तीफे की मांग को लेकर अलग-अलग जगहों से आंदोलन शुरू किया। मंत्री के बेटे पर उनोकोटी जिले के कुमारघाट में 19 अक्टूबर को एक लड़की से सामूहिक दुष्कर्म में कथित संलिप्तता का आरोप है। पुलिस ने रविवार रात इस मामले में तीसरे व्यक्ति को गिरफ्तार किया। इससे पहले पुलिस ने इस घटना में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया था जिसमें एक महिला भी शामिल है जिसे भाजपा की महिला मोर्चे की नेता कहा जा रहा है। ऊनोकोटी के पुलिस अधीक्षक कांता जांगिड़ ने कहा कि घटना की जांच चल रही है और किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इस बीच भाजपा ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया है कि यह दास को व्यक्तिगत रूप से और भाजपा सरकार को बदनाम करने की साजिश है। ऊनोकोटी जिले के भाजपा प्रवक्ता देबाशीष सेन ने कहा कि प्राथमिकी में दास के बेटे का नाम नहीं है और वह एक सप्ताह से ज्यादा समय से कुमारघाट से बाहर है। सेन ने कहा कि भाजपा कभी भी ऐसे अपराधों में शामिल नहीं रही है और उन्होंने पुलिस से मुख्य दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने और मामले की जल्द से जल्द जांच करने और राजनीतिक लाभ लेने के लिए जानबूझकर मंत्री दास को फंसाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आग्रह किया। दास की ओर से हालांकि, इन आरोपों पर कोई स्पष्टीकरण अब तक नहीं आया है। इस बीच, कांग्रेस नेता आशीष साहा ने सोमवार को आरोप लगाया कि 16 वर्षीय पीड़तिा का सामूहिक दुष्कर्म दास की इमारत में हुआ जिसका मास्टरमाइंड उनका 26 वर्षीय बेटा है। पीड़िता को भाजपा की एक महिला नेता लेकर आई थी, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़िता का प्रेमी राजीव दास भी इस घटना में शामिल था और बिल्डिंग में मंत्री भगवान दास के बेटे की अगुवाई में युवकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। जब लड़की देर रात तक घर नहीं लौटी और उसके परिवार को पता चला कि उसे आरोपियों ने इमारत में बंद कर दिया गया है, तो वे कमरे में जाकर उसे गंभीर हालत में बचाकर लाए। परिवार के पहुंचने से पहले ही आरोपी वहां से भाग चुके थे। साहा ने आरोप लगाया कि जब प्राथमिकी दर्ज की गई तो पीड़ित के परिवार पर मंत्री के बेटे के नाम का उल्लेख नहीं करने का दबाव बनाया गया और पुलिस भी मंत्री के बेटे का नाम शामिल नहीं करने की कोशिश कर रही है। साहा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और कांग्रेस का मानना है कि इस सरकार को सत्ता में बने रहने की नैतिकता नहीं है, क्योंकि मंत्रिमंडल के लगभग सभी मंत्रियों पर गंभीर अपराधों और अवैध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को भगवान दास को इस्तीफा लेना चाहिए वरना हमलोग उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर करेंगे। माकपा के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी ने भी मामले की सही जांच के लिए भगवान दास के तत्काल इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि मंत्री के बेटे के गिरोह ने कई व्यापारियों और पुलिस पर हमला किया लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसने उन्हें अपने अपराधों को जारी रखने का प्रोत्साहन मिला। तृणमूल कांग्रेस ने भगवान दास के बेटे की गिरफ्तारी और पीड़िता और उसके परिवार की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करते हुए फाटिकरॉय थाना के सामने प्रदर्शन किया। टीएमसी ने आरोप लगाया कि मंत्री के बेटे को क्लीन चिट देने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से पीड़िता के परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने राज्यपाल से मांग की कि वे भगवान दास को इस्तीफा देने का निर्देश दें।