अभिषेक बनर्जी का बड़ा दावा, तृणमूल कांग्रेस ही ले सकती है भाजपा से मोर्चा
अगरतला। त्रिपुरा में चार विधानसभाओं के उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) के पक्ष में प्रचार के लिए आये अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने लोगों से उनकी पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील की है और दावा किया है कि उनकी पार्टी ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मोर्चा ले सकती है। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव ने सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मतदाताओं से अपील की कि टीएमसी के पक्ष में मतदान करें। उन्होंने कहा कि इन उपचुनावों में चारों सीटों पर भाजपा विरोधी सभी टीएमसी के पक्ष में मतदान करें क्योंकि पश्चिम बंगाल हो या त्रिपुरा यह साबित हो चुका है कि भाजपा का सामना टीएमसी ही कर सकती है।
बनर्जी ने दावा किया कि त्रिपुरा के लोगों ने पिछले पचास वर्षों में माकपा, भाजपा और कांग्रेस सभी को मौका दिया है लेकिन टीएमसी को एक बार भी सत्ता में आने का मौका नहीं दिया गया है। सामान्य रूस से पांच साल में एक बार ही लोगों को मत देने का मौका मिलाता है लेकिन इन चार विधानसभाओं में लेागों को 51 माह बाद ही दूसरी बार मतदान का मौकामिला है। टीएमसी उम्मीदवार को भारी मतों से विजयी बनायें यदि सत्ता में आने के बाद आप टीएमसी नेता के कामकाज से संतुष्ट न हो तों नौ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में फिर से उन्हें सत्ता से बेदखल कर दें।
भाजपाई पुलिस के सामने विपक्षी दलों के उम्मीदवारों का उत्पीडऩ कर रहे हैं और चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है यह प्रशासन की अकर्मण्यता को दर्शाता है। टीएमसी नेताओं पर भाजपा के गुंडे लगातार हमला कर रहे हैं और जिन पर हमले हो रहे हैं उनमें मैं खुद भी शामिल हूं। डॉक्टरों पर अस्पतालों में हमले हो रहे हैं, पुलिस कही अंधेरे में छिप कर बैठ गयी है, भाजपा के कुप्रशासन पर उंगली उठाने वाले पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं और आम आदमी का हर दिन शोषण हो रहा है। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि इतना सब कुछ होने पर भी माकपा और कांग्रेस जैसे बड़े दल चुप्पी साधे बैठे हैं। मैं आपसे वादा करता हूं कि भाजपा को राज्य से खदेडऩा का साहस केवल टीएमसी में ही है।
उन्होंने दावा किया कि त्रिपुरा की भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन सरकार पूरी तरह से विफल रही है। सत्ता में आने से पहले उन्होंने जनता से जो वादे किये थे वह उन्हें पूरा करने में नाकामयाब रही है। पिछले नगर निकाय चुनाव में स्थानीय प्रशासन और पुलिस के जोर पर भाजपा ने वोट हासिल कर लिए थे लेकिन अगर इस बार ऐसा कुछ करने की कोशिश की गयी तो टीएमसी इसका पुरजोर विरोध करेगी।