'जरूरत पड़ने पर दिल्ली जाएंगे...', तेलंगाना सरकार ने केंद्र के खिलाफ खोला मोर्चा
तेलंगाना के मंत्री ने कहा है कि टीआरएस हमेशा किसानों के साथ रहेगी
तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी ने शुक्रवार को राज्य से धान की खरीद (procure paddy) से इनकार करने के फैसले के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किया। TRS के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री के टी रामाराव ने कहा है कि राज्य सरकार केंद्र को दक्षिणी राज्य में उगाई गई धान की फसल खरीदने के लिए मजबूर करेगी। राव ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार किसानों को भ्रमित करती है और उन्हें धान की खेती नहीं करने के लिए कहती है। तेलंगाना के मंत्री ने कहा है कि टीआरएस हमेशा किसानों के साथ रहेगी।
राव ने धान खरीदी नहीं करने के फैसले के विरोध में न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "हमने तेलंगाना राज्य के गठन के लिए कांग्रेस पार्टी को मजबूर किया है। अगर बीजेपी धान नहीं खरीदती है तो क्या हम किसानों के लिए ऐसा नहीं कर सकते हैं? टीआरएस सरकार हमेशा किसानों के साथ रहेगी।"
उन्होंने कहा, "तेलंगाना के किसानों को भाजपा भ्रमित कर रही है। केंद्र उन्हें धान की खेती नहीं करने के लिए कहता है। राज्य के भाजपा नेता उन्हें अकेले धान की खेती करने के लिए उकसा रहे हैं।"
'जरूरत पड़ने पर हम दिल्ली जाएंगे'
केंद्र के खिलाफ अपना हमला तेज करते हुए राव ने कहा कि अगर राज्य सरकार धान खरीदती है तो इसे एफसीआई की ओर निर्देशित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धान खरीदी केंद्र की जिम्मेदारी है। तेलंगाना के मंत्री ने केंद्र के राज्य से धान खरीदने से इनकार करने पर राष्ट्रीय राजधानी जाने की भी धमकी दी है।
"अगर राज्य सरकार खरीदती है, तो उसे भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) के पास जाना पड़ता है। अगर एफसीआई इनकार करता है, तो हमारे पास कोई विकल्प नहीं होगा। हम किसानों को भाजपा के पाखंड को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें उन्हें यह भी समझाना होगा कि धान खरीदी केंद्र की जिम्मेदारी है। अगर वे इसे नहीं लेते हैं, तो हम जरूरत पड़ने पर दिल्ली जाएंगे।"
इस बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पहले सूचित किया है कि उनकी पार्टी सभी विधानसभा क्षेत्रों में धरना आयोजित करेगी, जिसमें किसान केंद्र सरकार से तेलंगाना में उत्पादित पूरे खरीफ (गर्मी या मानसून की फसल) की खरीद की मांग करेंगे। दूसरी ओर, बीजेपी ने तेलंगाना के सीएम से केंद्र सरकार द्वारा लिखे गए पत्र को जारी करने के लिए कहा है, जिसमें पहले ही उल्लेख किया गया है कि वे राज्य से फसल खरीदेंगे।