नई दिल्ली: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तेलंगाना में 75वें 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर शाह ने कहा कि देश जब 15 अगस्त 1947 को आज़ादी का उत्सव मना रहा था। तब हैदराबाद को आज़ादी नसीब नहीं हुई थी। क्योंकि निज़ाम के अन्यायों और अत्याचारों को ये क्षेत्र सहन करता रहा। लेकिन सरदार पटेल अथक प्रयासों से तेलंगाना स्वतंत्र हुआ। आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों को भी नमन किया।
गृहमंत्री ने कहा कि कई वर्षों से इस क्षेत्र के लोगों की मांग थी कि 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' को सरकारी तौर पर मनाया जाए। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि 75 सालों में भी जिन्होंने यहां शासन किया उन्होंने वोट बैंक की राजनीति के कारण इस कार्य को मनाने का साहस नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना के लोगों के मन की भावना समझते हुए हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का निर्णय लिया।
शाह ने कहा कि 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' मनाने का उद्देश्य मुक्ति संग्राम के इतिहास और जाने-अनजाने शहीदों की गाथाओं को युवा पीढ़ी के मन में पुनर्जीवित कर उनके मन में देशभक्ति की लौ जगाना है। इससे हमारी नई पीढ़ी में देशभक्ति की भावना पुनर्जीवित होगी। शाह ने कहा कि लौह पुरूष सरदार पटेल ने ऑपरेशन पोलो का निर्णय कई कठिनाइयों के बावजूद लिया और इस क्षेत्र को आज़ाद कराकर अखंड भारत के स्वप्न को पूरा किया। साथ ही पटेल ने निज़ाम की सेना को परास्त करके इस पूरे क्षेत्र के लोगों को आज़ादी की सांस लेने का अधिकार दिया था।
उन्होंने कहा कि निज़ाम ने कई प्रकार के कठोर क़ानून लागू कर असहनीय अन्याय और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करके तीनों राज्यों की जनता को कुचलने का प्रयास किया जबकि इन अत्याचारों के ख़िलाफ़ हमारे लोगों ने आंदोलन किया और अंत्तोगत्वा हम विजयी हुए। शाह ने कहा कि इस महान तेलंगाना राज्य की रचना जिस उद्देश्य से हुई है। सत्ता मे आकर इन उद्देश्यों को लोग भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी ने जो परंपरा शुरू कर 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' मनाने की और हैदराबाद को स्वतंत्र करने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों के शहीदों के सम्मान में इससे भी ज्यादा जोर शोर से अनेक सालों तक मनाया जाएगा।
शाह ने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश को सुरक्षित और विकसित किया है। भारतीय और भारतीयता को उच्चतम शिखर पर बिठाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। और देश के सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। केन्द्रीय गृहमंत्री ने 15 अगस्त 1947 को उस्मानिया विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाले देशभक्तों को भी नमन जिन्हें निजाम की सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केन्द्रीय संस्कृति जी. किशन रेड्डी, केन्द्रीय गृह सचिव सहित अन्य जन उपस्थित थे।