Telangana ने लोगों के विरोध के बाद इथेनॉल फैक्ट्री का काम रोका

Update: 2024-11-27 11:27 GMT
 
Telangana हैदराबाद : तेलंगाना के निर्मल जिले में ग्रामीणों के भारी विरोध के बाद, राज्य सरकार ने बुधवार को इथेनॉल फैक्ट्री के निर्माण को रोकने का आदेश दिया। जिला कलेक्टर अभिलाषा अभिनव ने काम रोकने के आदेश जारी किए और लोगों से अपना विरोध वापस लेने की अपील की।
इससे पहले कलेक्टर ने प्रदर्शनकारियों से उनकी मांग पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के संज्ञान में लाया जाएगा। यह फैसला दिलावरपुर मंडल के विभिन्न गांवों के लोगों द्वारा लगातार दूसरे दिन भारी विरोध के बीच लिया गया। कलेक्टर ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को हुई घटनाओं पर सरकार को एक रिपोर्ट दी है।
अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार एक निजी फर्म को इथेनॉल फैक्ट्री स्थापित करने की अनुमति देने पर पुनर्विचार कर रही है। यह अनुमति भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की पिछली सरकार ने दी थी। उन्होंने कहा कि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए निर्णय लिया जाएगा। यदि आवश्यक हुआ तो सरकार प्लांट की अनुमति रद्द कर देगी।
इससे पहले, इथेनॉल फैक्ट्री की स्थापना के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध हिंसक हो गया था। दिलावरपुर मंडल के गांवों के प्रदर्शनकारियों ने दूसरे दिन भी निर्मल-भैंसा राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। महिला प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में कीटनाशकों की बोतलें ले रखी थीं और फैक्ट्री का निर्माण रोकने के लिए आत्महत्या करने की धमकी दे रही थीं।
हाथ में तख्तियां लेकर और नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने गांव से मार्च किया और हाईवे पर बैठ गए। एक समय पर, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कर्मियों पर हमला किया, जिसमें से कुछ घायल हो गए। ग्रामीणों ने मांग की कि सरकार निजी फर्म की फैक्ट्री को उनके गांवों से दूर ले जाए। उनका दावा है कि प्लांट से फसलों को नुकसान पहुंचेगा, उनकी आजीविका को खतरा होगा और पर्यावरण पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इथेनॉल फैक्ट्री का विरोध करने के लिए जनप्रतिनिधि उनके समर्थन में आगे नहीं आ रहे हैं।
ग्रामीणों ने मांग पूरी होने तक अपना आंदोलन जारी रखने की कसम खाई। मंगलवार देर रात कुछ प्रदर्शनकारियों ने निर्मल राजस्व मंडल अधिकारी (आरडीओ) रत्ना कल्याणी पर हमला करने की कोशिश की और उनके वाहन में तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों के साथ असफल वार्ता के बाद जब आरडीओ रत्ना कल्याणी मौके से निकल रही थीं, तो कुछ लोगों ने उनके वाहन को रोकने की कोशिश की। रक्तचाप कम होने पर वह बेहोश हो गईं। हालांकि, उन्हें पुलिस अधीक्षक डॉ. जानकी शर्मिला के वाहन से तुरंत निर्मल के एक अस्पताल में ले जाया गया। कुछ अज्ञात लोगों ने आरडीओ के वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया और उसमें आग लगा दी। हालांकि, पुलिस ने जल्द ही आग पर काबू पा लिया। पुलिस ने आरडीओ के वाहन में तोड़फोड़ करने के आरोप में 23 ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रात 11 बजे तक राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बहाल कर दी गई। ग्रामीणों ने बुधवार सुबह फिर से प्रदर्शन शुरू कर दिया।

(आईएएनएस) 

Tags:    

Similar News

-->