तेलंगाना: पीएम मोदी को मात देने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सेवा लेंगे केसीआर

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) इन दिनों तेलंगाना (Telangana) के दौरे पर हैं. वे यहां अभिनेता प्रकाश राज (Actor Prakash Raj) के साथ पहुंचे.

Update: 2022-02-28 09:08 GMT

नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) इन दिनों तेलंगाना (Telangana) के दौरे पर हैं. वे यहां अभिनेता प्रकाश राज (Actor Prakash Raj) के साथ पहुंचे. उनके तेलंगाना दौरे को 2023 तेलंगाना विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की राष्ट्रीय राजनीति में दिलचस्पी बढ़ती जा रही है. वह एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुले मंच से आलोचना कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों को भी लामबंद करने में जुटे हैं. अभी हाल में उन्होंने अभिनेता प्रकाश राज के साथ मुम्बई का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात की थी. इस मौके पर उन्होंने मोदी सरकार पर देश को कमजोर करने का आरोप लगाने के साथ ही केंद्र में बदलाव की बात कही थी.


ऐसे में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के तेलंगाना दौरे से राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा जोड़ पकड़ने लगी है कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख भूमिका निभाने का सपना देख रहे राव प्रशांत किशोर को सलाहकार के रूप में नियुक्त कर सकते हैं. हालांकि, किशोर के इस तेलंगाना दौरे को लेकर टीआरएस या तेलंगाना सरकार ने किसी तरह का बयान जारी नहीं किया है. इसे प्रशांत किशोर के निजी दौरे के तौर पर पेश किया जा रहा है. लिहाजा, अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि तेलंगाना की राजनीति में प्रकाश राज और प्रशांत किशोर क्या भूमिका निभाने जा रहे हैं. इन अटकलों के बीच प्रशांत किशोर ने रविवार को तेलंगाना के जयशंकर भूपलपल्ली जिले में कालेश्वरम परियोजना का दौरा किया. इस दौरान प्रशांत किशोर और प्रकाश राज, विशाल मल्लाना सागर जलाशय समेत कालेश्वरम परियोजना के तहत बनाए गए अन्य जलाशयों का भी दौरा किया. गौरतलब है कि इससे पहले प्रकाश राज पिछले हफ्ते मुंबई में भी तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के साथ मौजूद थे, जब सीएम केसीआर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी.

ममता से आगे निकल चुके हैं राव
इस वक्त विपक्ष के दो नेता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर तीसरे मोर्चे के नेता के रूप में सबसे आगे हैं. ममता जहां यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव समेत गैर भाजपा दूसरे मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर अपनी स्थिति मजबूत करने में लगी है. हालांकि, वह इस गठबंधन से देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को अलग रखना चाहती है. वहीं, केसीआर सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने के साथ ही कांग्रेस के प्रति भी नरम रुख दिखा रहे हैं. दरअसल, केसीआर जानते हैं कि कांग्रेस के बिना सहयोग के इस वक्त तीसरे मोर्चे की कोई सरकार बन ही नहीं सकती है. उनकी कोशिश ये है कि अगर कांग्रेस को गठबंधन में शामिल नहीं भी किया गया तो कम से कम कांग्रेस से रिश्ते मधुर रखे जाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर कांग्रेस का सहयोग हासिल किया जा सके.


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