तेलुगू लोगों के जीवन में तेदेपा ने भरी रोशनी : चंदबाबू नायडू

Update: 2023-03-29 08:09 GMT
हैदराबाद (आईएएनएस)| तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी ने तेलुगू लोगों के जीवन में रोशनी भरी। उन्होंने तेदेपा के 41वें गठन दिवस पर तेलुगू लोगों को बधाई दी और याद दिलाया कि पार्टी का जन्म तेलुगू स्वाभिमान के नारे के साथ हुआ था।
नायडू ने प्रत्येक नागरिक से तेदेपा के संस्थापक रामा राव के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास करने की अपील की।
29 मार्च, 1982 को एन.टी. रामाराव (एनटीआर) ने तेलुगू स्वाभिमान के नारे पर तेदेपा बनाई। पार्टी ने तत्कालीन अविभाजित आंध्र प्रदेश में नौ महीने के भीतर सत्ता में आकर एक तरह का रिकॉर्ड बनाया।
इस बीच, नायडू के बेटे और तेदेपा महासचिव नारा लोकेश ने तेदेपा के 41वें स्थापना दिवस पर लोगों को बधाई देने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने तेदेपा को तेलुगू लोगों के स्वाभिमान और उनकी राजनीतिक चेतना का प्रतीक करार दिया।
लोकेश ने कहा कि, एनटीआर की विचारधारा के अनुरूप पीला झंडा उत्पीड़ित वर्गों के लिए खड़ा है। तेदेपा ने गरीबों और कमजोर वर्गों को उम्मीद दी। युवा नेता ने यह भी दावा किया कि विभिन्न क्षेत्रों के विकास पर तेदेपा की अच्छी छाप है। उन्होंने कहा कि, लाखों कार्यकर्ता तेदेपा की असली ताकत है।
लोकेश ने कहा कि, एनटीआर के आशीर्वाद और चंद्रबाबू नायडू के मार्गदर्शन में तेदेपा जन कल्याण के अपने लक्ष्य के लिए काम करती रहेगी।
इस बीच, चंद्रबाबू नायडू बुधवार को बाद में हैदराबाद में पार्टी प्रतिनिधियों की एक बैठक को संबोधित करेंगे। एनटीआर घाट पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद तेदेपा प्रमुख सभा को संबोधित करने के लिए प्रदर्शनी मैदान पहुंचेंगे।
लंबे अंतराल के बाद मंगलवार को हैदराबाद में तेदेपा ने पोलित ब्यूरो की बैठक की। नायडू की अध्यक्षता में हुई बैठक में दोनों तेलुगू भाषी राज्यों में अगले विधानसभा चुनावों में युवाओं को पार्टी के 40 प्रतिशत टिकट आवंटित करने का निर्णय लिया गया। नायडू ने पोलित ब्यूरो सदस्यों से गरीबों के जीवन को बदलने के उद्देश्य से पार्टी का घोषणापत्र तैयार करने को कहा।
पोलित ब्यूरो ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इसने दोनों तेलुगू राज्यों में सरकारों द्वारा अपनाई जा रही जन-विरोधी, किसान-विरोधी और युवा-विरोधी नीतियों को उजागर करने का निर्णय लिया।
--आईएएनएस
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