आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में कोयला तथा स्टील उत्पादन प्रभावित
केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय हड़ताल के आह्वान के कारण सोमवार को आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में बैंकिंग सेवायें तथा कोयला और स्टील उत्पादन प्रभावित रहा।
हैदराबाद/अमरावती: केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय हड़ताल के आह्वान के कारण सोमवार को आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में बैंकिंग सेवायें तथा कोयला और स्टील उत्पादन प्रभावित रहा। सरकारी बैंकों के निजीकरण के सरकार के फैसले और बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक, 2021 के खिलाफ बैंककर्मियों ने भी हड़ताल में शिरकत की ,जिससे दोनों राज्यों में सरकारी बैंकों की सेवायें प्रभावित रहीं।
तेलंगाना में सरकारी कंपनी सिंगारेनी कोलवरी कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) में कोयला उत्पादन प्रभावित रहा। यहां कर्मचारी चार कोल ब्लॉक की नीलामी करने के सरकार के फैसले के विरोध में हड़ताल में शामिल हुये हैं। कंपनी के 42,000 कर्मचारियों में से अधिकतर के हड़ताल में शामिल होने के कारण सभी 23 भूमिगत और 19 खुले खदानों में कामकाज प्रभावित रहा।
एससीसीएल में गत साल दिसंबर में भी तीन दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया गया था। यहां के ट्रेड यूनियनों ने कहा है कि अगर नीलामी के लिये निविदायें जारी की जाती रहीं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। तेलंगाना सरकार भी कोल ब्लॉक की नीलामी के विरोध में है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं।
तेलंगाना राष्ट्र समिति से संबद्ध तेलंगाना बोग्गू गनी कर्मिका संघम ने इंटक, एआईटीयूसी, सीआईटीयू और केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा आयोजित हड़ताल का समर्थन किया है। भारतीय मजदूर संघ, हालांकि इस हड़ताल में शामिल नहीं हुआ है। तेलंगाना में बैंकों और एससीसीएल को छोड़कर हड़ताल का ज्यादा प्रभाव नहीं रहा। हैदराबाद में आरटीसी बस, कैब और ऑटो का सामान्य संचालन होता रहा। वारंगल जिले में टीआरएस के नेता और सरकार के मुख्य सचेतक विनय भास्कर ने कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है। कई ट्रेड यूनियन ने जगह-जगह रैली निकाली, जिसमें वामपंथी दल के नेता भी शामिल हुये।
आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में विशाखापत्तनम स्टील संयंत्र के निजीकरण के विरोध में बंद का आयोजन किया जा रहा है। संयंत्र के अधिकतर कर्मचारियों के बंद में शामिल होने से उत्पादन कार्य ठप रहा। वाहनों का आवागमन भी जगह-जगह बाधित रहा क्योंकि नेता और संयंत्र के कर्मचारियों ने पूरे शहर में विभिन्न स्थानों पर रोड ब्लॉक किया हुआ था। विजयवाड़ा में सैंकडों कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित रैली में हिस्सा लिया।