हैदराबाद, (आईएएनएस)| तेलंगाना में आवारा कुत्तों के काटने के चलते खम्मम जिले में रेबीज से एक बच्चे की मौत हो गई। बनोठ भरत नाम के बच्चे को कुछ दिन पहले आवारा कुत्तों ने काटा था। उसमें रेबीज के लक्षण दिखने लगे थे। जिसके बाद उसे इलाज के लिए हैदराबाद लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
बच्चे के माता-पिता, बी. रविंदर और संध्या के अनुसार, जब वह रघुनाथपलेम मंडल के पुतानी थंडा में अपने घर के पास खेल रहा था, तब आवारा कुत्तों के एक झुंड ने उस पर हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गया।
बच्चा रविवार को बीमार पड़ गया। जिसके बाद उसे खम्मम के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। लड़के की जांच के बाद, डॉक्टरों ने संदेह किया कि यह रेबीज का मामला है और माता-पिता को उसे हैदराबाद ले जाने की सलाह दी।
रविंदर और संध्या अपने बेटे के साथ टीएसआरटीसी की बस से हैदराबाद के लिए रवाना हुए। हालांकि, रास्ते में बच्चे की हालत बिगड़ गई और उसने सोमवार को सूयार्पेट के पास दम तोड़ दिया।
चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे भरत की मेडिकल रिपोर्ट की जांच कर रहे हैं।
एक महीने से भी कम समय में राज्य में आवारा कुत्तों के आतंक से यह दूसरी मौत है।
पिछले महीने हैदराबाद में चार साल के एक बच्चे की मौत आवारा कुत्तों के झुंड द्वारा किए गए हमले में हो गई थी। घटना 19 फरवरी को एक कार सर्विसिंग सेंटर में हुई, जहां लड़के के पिता चौकीदार के रूप में काम कर रहे थे।
इस बीच, सोमवार को खम्मम और विकाराबाद जिलों में दो अलग-अलग घटनाओं में आवारा कुत्तों के हमले में दो बच्चे घायल हो गए और सात बकरियों की मौत हो गई।
खम्मम जिले में मढ़िरा नगरपालिका सीमा के तहत जिलुगुमाडु गांव में 5 साल के दोरनाला विवेक अपने घर के सामने खेल रहा था, जब उसे कुत्तों ने काट लिया। उसके पिता उसके बचाव में आए और कुत्तों को भगा दिया। लड़के के हाथों में चोटें आई और उसे इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भेज दिया गया है।
विकाराबाद जिले में आवारा कुत्तों के हमले में 12 साल का एक बच्चा घायल हो गया। शिवकुमार रेड्डी सोमवार शाम खेतों से घर लौट रहा था, तभी आवारा कुत्तों के एक झुंड ने उस पर हमला कर दिया। उसके चेहरे पर गंभीर चोटें आई। उसे शुरू में शहर के पास एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया और बाद में उसे महबूबनगर स्थानांतरित कर दिया गया।
पिछले एक महीने के दौरान राज्य के अलग-अलग हिस्सों में सिलसिलेवार घटनाओं ने लोगों को डरा कर रख दिया है। पिछले महीने हैदराबाद में हुई घटना के बाद, नगर निगम के अधिकारियों ने आवारा कुत्तों के खतरे को रोकने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी, लेकिन नागरिकों का कहना है कि इन उपायों को अभी तक जमीनी स्तर पर लागू नहीं किया गया है।
--आईएएनएस