जब मद्रास हाईकोर्ट फटकार लगाते हुए बोला- आधे साल तरसते हैं, आधे साल पानी में मरते हैं...जानें क्या था पूरा मामला

Update: 2021-11-09 10:22 GMT

चेन्नई. तमिलनाडु (Tamil Nadu) की राजधानी चेन्नई (Chennai) में भारी बारिश के बाद जलजमाव हो गया है. इसे लेकर मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने मंगलवार को ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन (GCC) को फटकार लगाई है. उच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर शुक्रवार या शनिवार तक स्थिति नहीं सुधरी, तो स्वत: संज्ञान जनहित याचिका दायर की जाएगी. अदालत एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तमिलनाडु सरकार को पर्याप्त चौड़ी सड़कें करने के निर्देश देने की अपील की गई थी.

द हिंदू के अनुसार, चीफ जस्टिस संजीव बनर्जी और जस्टिस पीडी ऑदीकेसावलु की बेंच ने मामले पर टिप्पणी की है. बेंच ने जीसीसी के सलाहकार कार्तिक अशोक से सवाल किया कि 2015 में आई बाढ़ के बाद से निकाय बीते 5 सालों से क्या कर रहा था. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि निगम को सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए थे और यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि भारी बारिश के दौरान शहर तैरे नहीं. उन्होंने कहा कि शहर को ऐसी परेशानी का सामना नहीं करना चाहिए था, जैसा वह अभी कर रहा है.
जस्टिस ऑदिकेसावलु ने कहा कि जलाशयों और नहरों का अतिक्रमण ही चेन्नई में बाढ़ का बड़ा कारण है. उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी अतिक्रमण हटा भी देते हैं, तो वे कुछ सालों में फिर आ जाते हैं. न्यायाधीश ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसे कुछ मामले भी कोर्ट के सामने आए हैं, जहां सरकार पर जलाशयों पर अतिक्रमण करने के आरोप लगे थे.
मुख्य न्यायाधीश ने दुख जताया, 'यह अफसोस की बात है कि आधे साल हम पानी के लिए तरस रहे हैं और बाकी आधे साल हम बाढ़ में बह रहे हैं या मर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'हम पिछड़ा राज्य नहीं हैं. हम कई मानकों पर सबसे आगे चलने वाले राज्य हैं. यह देश का सबसे अग्रणी राज्य नहीं हो सकता.' एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा, 'जारी बारिश और चेन्नई और राज्य में कहीं भी बाढ़ सरकारी अधिकारियों के लिए सबक होना चाहिए कि ऐसे व्यक्ति के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए, जो जलाशयों पर अतिक्रमण की कोशिश कर रहा है या बारिश के मौसम में बहते हुए पानी को रोक रहा है.'

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