तमिलनाडु के दो मंत्रियों ने शुक्रवार को कहा कि तिरुपुर जिले के उस अनाथालय को तत्काल बंद किया जाएगा, जहां बृहस्पतिवार को कथित रूप से विषाक्त भोजन करने के कारण तीन लड़कों की मौत हो गई और 11 अन्य को सरकारी अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है. समाज कल्याण मंत्री पी. गीता जीवन और सूचना एवं प्रचार मंत्री एम. पी. समीनाथन ने अस्पताल का दौरा किया, जहां प्रभावित बच्चे भर्ती हैं और उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ली. बाद में मंत्रियों ने संवाददाताओं से कहा कि निजी आवास 'श्री विवेकानंद सेवालयम' की स्थिति बहुत खराब है और इस घटना के बाद अब उसे तत्काल बंद कर दिया जाएगा.
उन्होंने अनाथालय के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. गीता जीवन ने कहा कि बाहर से लाये गये भोजन को अनाथालय के बच्चों को परोसना गैर-कानूनी है और निराश्रित गृह में रहने वाले अन्य बच्चों की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठाएगी. मंत्रियों ने कहा कि उन्हें इरोड जिले के दूसरे अनाथालय में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. राज्य में ऐसे सभी अनाथालयों और निराश्रित गृहों की स्थिति की समीक्षा की जाएगी.
सर्वोच्च बाल अधिकार निकाय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बृहस्पतिवार को तमिलनाडु के मुख्य सचिव से तत्काल राज्य के एक अनाथालय में बच्चों की हुई कथित मौत की जांच करने को कहा था. आयोग ने शीर्ष अधिकारी से मामले में 48 घंटे में जवाब तलब किया है. उन्होंने कहा कि दो बच्चों की अनाथालय में ही मौत हो गई और अन्य 12 को बीमार पड़ने के बाद तिरुपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां एक अन्य लड़के ने दम तोड़ दिया. आयोग ने कहा कि अनाथालय का एक सुरक्षाकर्मी भी अस्पताल में भर्ती था.
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