लावण्या आत्‍महत्‍या का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, केंद्र से PIL के जरिए सख्‍त धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की मांग

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तंजावुर में स्‍कूल में पढ़ने वाली नाबालि‍ग लड़की के जहर खाकर खुदकुशी करने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जनहित याचिका दायर की गई है.

Update: 2022-02-01 07:35 GMT

तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तंजावुर में स्‍कूल में पढ़ने वाली नाबालि‍ग लड़की के जहर खाकर खुदकुशी करने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका के जरिए लावण्‍या की आत्‍महत्‍या (Lavanya Sucide Case) के मूल कारणों की जांच कराने की मांग की गई है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वह केंद्र सरकार को तत्‍काल एक सख्‍त धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने का निर्देश दे क्‍योंकि धोखे से धर्म परिवर्तन कराना संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 25 का उल्लंघन है. बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट ने पहले ही लावण्या के आत्महत्या के मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए हैं.


बता दें कि 17 साल की लावण्या ने हॉस्‍टल की वार्डन से परेशान होकर जहर खा लिया था और उसकी 19 जनवरी को मौत हो गई थी. आत्‍महत्‍या करने से कुछ दिन पहले ही छात्रा ने इस बात को कबूला था कि हॉस्टल में उसे लगातार डांटा जाता था और उससे हॉस्टल के सभी कमरों को साफ करने के लिए भी कहा जाता था. इतना ही नहीं छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि उसे लगातार ईसाई धर्म अपनाने के लिए भी मजबूर किया गया.स्‍कूली छात्रा की आत्महत्या का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. इस पूरे प्रकरण से नाराज छात्रों ने दिल्‍ली के तमिलनाडु भवन के बाहर जबरदस्‍त प्रदर्शन भी किया था. इस पूरे प्रकरण में स्टालिन सरकार की चुप्पी भी कई सवाल पैदा कर रही है. लावण्या के परिजन पहले की कह चुके हैं कि उन्हें तमिलनाडु पुलिस की जांच पर कोई भरोसा नहीं है.

तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष ने गुरुवार को लावण्या का वीडियो शेयर किया था. वीडियो में लड़की तमिल भाषा में अपनी पीड़ा बता रही है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, एक गरीब किसान की बेटी लावण्या अरियालुर प्योर हार्ट हाई स्कूल की बारहवीं की छात्रा है. उसे अपना धर्म बदलने के लिए कहा गया और स्कूल में दिए गए तनाव के कारण जहर पीकर आत्महत्या कर ली.
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