तमिलनाडु के जेदरपलायम में प्रवासी श्रमिकों पर हमले के बाद तनाव

Update: 2023-05-20 16:10 GMT
चेन्नई (आईएएनएस)| तमिलनाडु के नामक्कल जिले में जेदरपलायम अपनी 100 से अधिक इकाइयों के साथ अपनी गुड़ इकाइयों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की गुड़ इकाइयां अब पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड के प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दे रही हैं। नमक्कल जिला श्रम कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक गुड़ इकाई में लगभग 50-75 प्रवासी श्रमिक कार्यरत हैं और स्थानीय लोगों और प्रवासी श्रमिकों के बीच पूर्ण सामंजस्य था।
हालांकि, 27 वर्षीय एक लड़की नित्या की 11 मार्च, 2023 को हत्या के बाद माहौल बिगड़ गया। पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि एक गुड़ इकाई में कार्यरत 17 वर्षीय प्रवासी कर्मचारी अपराधी था। पुलिस के मुताबिक, लड़की ने जब प्रवासी कर्मचारी के यौन आग्रह को ठुकरा दिया,तब उसने रंजिश पाल ली और उसकी हत्या कर दी।
नित्या की हत्या के मामले में लड़के की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय लोग चाहते थे कि जेदारपालयम के गुड़ इकाई के मालिक प्रवासी श्रमिकों को वापस भेज दें और इसके बाद प्रवासियों पर हमला किया गया।
शेड में काम करने वाली कई गुड़ इकाइयां नष्ट हो गईं। स्थानीय लोगों ने कुछ को जला दिया, जबकि अन्य को ध्वस्त कर दिया गया। जिला कलक्टर श्रेया पी. सिंह द्वारा सुलह कराने के प्रयास के बाद भी मामला नहीं सुलझ पाया।
स्थानीय लोगों द्वारा 14 मई को जेदारपालयम में प्रवासी श्रमिकों की अस्थायी बस्ती में आग लगाए जाने के बाद यह मुद्दा अब पूरी तरह से हाथ से निकल गया है। हिंसा में ओडिशा के 19 वर्षीय एक मजदूर राकेश की मौत हो गई। पुलिस प्राथमिकी में कहा गया है कि अज्ञात लोगों ने देर रात घर में घुसकर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी।
जलने से राकेश की मौत हो गई, लेकिन छत्तीसगढ़ के सुकुराम (27), यशवंत (18) और गोकुल (23) को मामूली चोटें आईं और वे खतरे से बाहर हैं।
नमक्कल की जिला कलेक्टर श्रेया पी. सिंह ने गुड़ बनाने वाली इकाइयों के निर्माताओं, प्रवासियों और स्थानीय लोगों से चर्चा की और जेदारपालयम में भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
हालांकि, 600 से अधिक पुलिसकर्मियों और 10 चेकपोस्टों की उपस्थिति के बाद भी गुरुवार की रात एक मुरुगेसन के एक केले के खेत को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया।
मुरुगेसन मुथुस्वामी से निकटता से संबंधित है जो एक गुड़ इकाई के मालिक हैं, जिसने मृतक प्रवासी श्रमिक राकेश को नियुक्त किया था।
केले के खेतों को नष्ट किए जाने के मामले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, केवल स्थानीय लोग ही केले के खेत को नष्ट कर सकते थे, क्योंकि क्षेत्र में स्थानीय लोगों की बड़ी उपस्थिति को देखते हुए अन्य लोगों का खेत में प्रवेश संभव नहीं था।
स्थानीय लोगों का मानना है कि नित्या की हत्या में और लोग शामिल हैं और 17 वर्षीय एक किशोर पर आरोप तय नहीं किया जा सकता।
एक स्थानीय गुड़ इकाई के मालिक के.एम. कुप्पुस्वामी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, नामक्कल एक औद्योगिक क्षेत्र है, जहां अंडे और गुड़ लोगों का मुख्य व्यवसाय है और स्थानीय लोगों के साथ तालमेल नहीं बिठाने के कारण नित्या की मौत एक प्रमुख मुद्दा बन गई है। हम, इकाइयों के मालिक पीड़ित हैं और अगर पुलिस कड़ी कार्रवाई नहीं करती है, तो चीजें हाथ से निकल जाएंगी।
उन्होंने कहा कि भले ही पुलिस चेकपोस्ट और भारी पुलिस दल है, स्थानीय लोग नित्या की हत्या की सीबी-सीआईडी जांच चाहते हैं।
राज्य के पुलिस प्रमुख, सी. सिलेंद्रबाबू ने पहले ही मामले को सीबी-सीआईडी को सौंपने का आदेश दे दिया है।
--आईएएनएस
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