Chennai चेन्नई: तमिलनाडु के पुदुकोट्टई जिले के जगथापट्टिनम में रविवार को मछुआरों के परिवारों और स्थानीय लोगों ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा 14 मछुआरों को गिरफ्तार करने और उनकी मशीनीकृत नौकाओं को जब्त करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। मछुआरों को शनिवार रात को गिरफ्तार किया गया। जगथापट्टिनम के मछुआरा नेता केआर मणिकांतन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "हमारे भाइयों को हर रोज श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किया जा रहा है और लोग अब मछली पकड़ने और अपनी आजीविका के लिए समुद्र में प्रवेश करने को लेकर चिंतित हैं। राज्य और केंद्र सरकारें हमारे सामने आ रही गंभीर स्थिति को लेकर आंखें मूंदे हुए हैं।" मछुआरों के नेता ने आगे कहा, "श्रीलंकाई नौसेना ने तीन मशीनीकृत नौकाओं को जब्त कर लिया है।
अगर मछुआरों को श्रीलंका में कुछ दिनों की न्यायिक हिरासत के बाद रिहा भी कर दिया जाता है, तो भी हमारी नौकाओं को नहीं छोड़ा जाएगा। इसके बाद श्रीलंकाई सरकार द्वारा नौकाओं को जब्त कर लिया जाता है। इससे तमिलनाडु के मछुआरा समुदाय का जीवन दयनीय हो गया है।" उन्होंने कहा कि 14 मछुआरों की गिरफ्तारी के विरोध में मछुआरे और उनके परिवार के सदस्य सड़कों को जाम करेंगे और यातायात को बाधित करेंगे।मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने और पाक जलडमरूमध्य में नेदुनथीवु के पास मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
उनकी तीन नावों को भी जब्त कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए मछुआरे 49 अन्य लोगों के साथ शनिवार सुबह करीब 7 बजे जगथापट्टिनम से समुद्र में गए थे। गिरफ्तार किए गए मछुआरे हैं, प्रदीप, रंजीत, प्रभाकरण और अजित जो महादेवन की नाव पर थे; विश्वा, आनंदराज, आनंदबाबू, कुबेंद्रन और सेकर जो सेंथिलकुमार की नाव पर थे; और मणिकंदन, मुथुकुमार, सेलाथम्बी, सेल्वम और सुरेश जो मणिकंदन की नाव पर थे। तमिलनाडु के तटीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि गिरफ्तार किए गए मछुआरों को श्रीलंका के कांकेसंथुराई नौसैनिक अड्डे पर ले जाया गया। गौरतलब है कि तमिलनाडु के करीब 84 मछुआरे श्रीलंकाई अधिकारियों की हिरासत में हैं। इन गिरफ्तारियों के कारण तमिलनाडु के तटीय जिलों जैसे रामनाथपुरम, नागपट्टिनम और पुदुकोट्टई में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।