उन्होंने कहा, “यदि हम अपनी जीत का जश्न मनाएं तो मोदी को ईर्ष्या या दुख क्यों होना चाहिए।” चुनावी लड़ाई की तुलना ओलंपिक प्रतियोगिता, जहां विजेताओं को पदक विजेता कहा जाता है, से करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “हमने स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य रखा था, लेकिन रजत पदक ही मिला। यह अंतिम चरण नहीं है। हम इसे अब भी जीत मानते हैं। आप क्यों कहते हैं कि हम हार गए? हम खुश हैं। हम और बेहतर कर सकते थे।” राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के संविधान की किताब को माथे से लगाने पर चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास कोई विकल्प नहीं था क्योंकि संविधान सर्वोच्च है। उन्होंने कहा, “यह तथ्य कि उन्होंने संविधान के आगे सिर झुकाया, स्वागतयोग्य है। लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं था।” एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (
EVM) को खारिज नहीं करती है और वह वीवीपैट (वोटर्स वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) में सुधार के पक्ष में है। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने कभी ईवीएम को दोष नहीं दिया है।
ईवीएम पर विपक्षी गठबंधन की चुप्पी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “कृपया घोषणापत्र पढ़ें, हम यही कह रहे हैं कि वीवीपैट पर्ची, हमारे पढ़ने के लिए, लगभग 4-5 सेकंड तक प्रदर्शित होती है और फिर पर्ची बॉक्स के अंदर गिर जाती है। हमने घोषणापत्र में कहा है कि एक और सुधार होना चाहिए।” वीवीपैट बक्से में पर्ची के स्वतः गिरने के बजाय, मतदाता को उसे प्राप्त करने, उसे देखने और फिर उसे बक्से में डालने की सुविधा मिलनी चाहिए तथा इस सुधार से ईवीएम-वीवीपीएटी प्रणाली के संबंध में किसी के मन में कोई संदेह नहीं रहेगा। यहां तक कि अब भी, यदि ईवीएम पर राय मांगी जाती है, तो “दस में से चार या दस में से तीन लोग
EVMपर संदेह करते हैं और मैं यह नहीं कह रहा हूं कि संदेह उचित है या अनुचित; जहां तक मेरा सवाल है, मैंने कभी ईवीएम को दोष नहीं दिया है।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का रुख ईवीएम प्रणाली में और सुधार लाने का है। उन्होंने कहा, “मैं इस बात से इनकार नहीं कर रहा हूं कि पार्टी के एक या दो नेता ईवीएम प्रणाली का विरोध कर रहे हैं, लेकिन यह पार्टी का रुख नहीं है।” चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनके लगातार तीसरे कार्यकाल की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित रिकॉर्ड से करने को खारिज कर दिया। अपने विजय भाषण में मोदी ने कहा था, “वर्ष 1962 के बाद पहली बार कोई सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है।” चिदंबरम ने एग्जिट पोल के बारे में कहा कि लोगों को अनुमानों के माध्यम से मूर्ख बनाया गया, जो (सर्वेक्षण) चुनाव परिणामों से झूठे साबित हुए। चिदंबरम ने कहा कि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे मोदी ने अपनी तुलना नेहरू से की है।
उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 में 282 सीट, 2019 में 303 सीट और अब 240 सीट (बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से 32 कम) हासिल की हैं। लेकिन नेहरू की कांग्रेस को क्रमशः 361, 374 और 364 सीट मिलीं। चिदंबरम ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हम मोदी द्वारा खुद की तुलना नेहरू से करने को खारिज करते हैं। लोग भी इसे खारिज करेंगे।” चिदंबरम ने एग्जिट पोल के बारे में कहा कि लोगों को अनुमानों के माध्यम से मूर्ख बनाया गया, जो (सर्वेक्षण) चुनाव परिणामों से झूठे साबित हुए। उन्होंने दावा किया, “कोई भी मतदान केंद्र के बाहर रुझान पूछने के लिए खड़ा नहीं था, लेकिन अचानक उन्होंने अपने सर्वेक्षण के माध्यम से दावा किया कि भाजपा 350 या उससे अधिक सीट जीतेगी। वे सब इस संख्या पर कैसे पहुंचे? इसका कारण यह है कि इसे एक जगह बनाया गया था और फोटोस्टेट प्रतियों को अन्य लोगों को वितरित किया गया था।” उन्होंने तमिलनाडु और
पुडुचेरी के लोगों को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की शानदार जीत सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद दिया।