चेन्नई (आईएएनएस)| अन्नाद्रमुक से अपदस्थ समन्वयक और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) दक्षिण तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर यात्रा कर रहे हैं। शक्तिशाली थेवर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री क्षेत्र में खुद को मजबूत करने की प्रक्रिया में अपना जाति कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं।
जुलाई 2022 में चेन्नई में हुई पार्टी जनरल काउंसिल की बैठक के दौरान ओपीएस और उनके करीबी सहयोगियों को अन्नाद्रमुक से निष्कासित कर दिया गया था।
हालांकि ओपीएस के पास अधिकांश निर्वाचित विधायकों की ताकत या समर्थन नहीं है, वह दक्षिण तमिलनाडु में समुदाय का समर्थन प्राप्त करने के लिए शक्तिशाली थेवर समुदाय के नेतृत्व के साथ समन्वय करने की कोशिश कर रहे हैं।
थेवर समुदाय परंपरागत रूप से अन्नाद्रमुक का समर्थन करता रहा है और पार्टी को दक्षिण तमिलनाडु के सामुदायिक गढ़ों से जबरदस्त फायदा हुआ है। पार्टी के निष्कासित पूर्व अंतरिम महासचिव वी. के. शशिकला भी थेवर समुदाय से ताल्लुक रखती हैं और हाल ही में उनके भतीजे और अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) के महासचिव टी.टी.वी. दिनाकरण ने ओपीएस से मुलाकात की थी।
ओपीएस के करीबी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री 2024 के आम चुनाव से पहले अन्नाद्रमुक नेतृत्व के साथ मोलभाव करने की योजना बना रहे हैं। दक्षिण तमिलनाडु की पांच से छह लोकसभा सीटों पर थेवर समुदाय का दबदबा है और ओपीएस इसे भुनाने की योजना बना रहा है।
एडप्पादी के पलानीस्वामी (ईपीएस) के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक नेतृत्व ने पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखा है कि थेनी सांसद अन्नाद्रमुक का हिस्सा नहीं थे। उल्लेखनीय है कि थेनी के सांसद ओ रवींद्रनाथ ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) के बेटे हैं। थेनी एकमात्र ऐसी सीट है जिसे अन्नाद्रमुक ने 2019 के आम चुनावों में तमिलनाडु से जीता था।
लोकसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों की कमर कसने के साथ, तमिल राजनीति में ओपीएस की चालों पर पैनी नजर है और यह देखना होगा कि तमिलनाडु में भाजपा के इशारे पर ओपीएस और ईपीएस के बीच मध्यस्थता होती है या नहीं।
--आईएएनएस