LIC अधिनियम में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका को मद्रास हाईकोर्ट ने किया खारिज

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Update: 2022-03-23 09:34 GMT

मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High court) ने सार्वजनिक बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के लिए वित्त विधेयक एवं एलआईसी अधिनियम (Finance Act and LIC Act) में किए गए बदलावों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की पीठ ने एल पोनम्मल की तरफ से दायर एक जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि एलआईसी अधिनियम (LIC Act) में धन विधेयक (Money Bill) के जरिये किए गए बदलाव में किसी भी तरह की असंवैधानिकता नहीं है. पीठ ने कहा, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने के लिए एलआईसी अधिनियम में मनी बिल के जरिये बदलाव करने में संवैधानिक रूप से कुछ भी गलत नहीं है.क्या है मामला?

एलआईसी की पॉलिसीधारक पोनम्मल ने अपनी याचिका में कहा था कि एलआईसी में सरकारी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए अधिनियम में बदलाव करने के लिए Money Bill का गलत तरीका अपनाया गया था. उन्होंने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 110 के तहत धन विधेयक लाकर नियमों में बदलाव किए गए जबकि यह मनी बिल की परिभाषा में ही नहीं आता है.
पीठ ने अपने निर्णय में कहा कि इस बारे में लाए गए विधेयक को मनी बिल के रूप में पेश किए जाने की लोकसभा अध्यक्ष की तरफ से दी गई स्वीकृति को चुनौती नहीं दी जा सकती है. इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष का निर्णय ही अंतिम रूप से मान्य होगा.


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