लावण्या सुसाइड केस: तमिलनाडु में आंदोलन कर रहे छात्रों पर पुलिस की बर्बरता, कई गिरफ्तार

तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली 17 वर्षीय छात्रा लावण्या के सुसाइड मामले ने राजनीति ने तूल पकड़ लिया है.

Update: 2022-02-15 12:22 GMT

तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली 17 वर्षीय छात्रा लावण्या के सुसाइड मामले ने राजनीति ने तूल पकड़ लिया है. खबरों के अनुसार इस मामले में सरकार की भूमिका संदिग्ध करार देते हुए CM एमके स्टालिन के घर के बाहर प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि सिर्फ तमिलनाडु नहीं, देश के अन्य राज्यों में भी लावण्या मामले को लेकर अभाविप ने प्रदर्शन किया. मुंबई में भी कई प्रदर्शनकारी कार्यकर्ता गिरफ्तार किये गये हैं.

अभाविप ने पुलिस पर बर्बरता बरतने का आरोप लगाया है. जानकारी के अनुसार लावण्या सुसाइड मामले में प्रदर्शन कर रहे अभाविप के 60 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है.अभाविप का पुलिस पर आरोप है कि उसने कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण बर्ताव करते हुए अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी, राष्ट्रीय मंत्री मुथु रामलिंगम, दक्षिण प्रांत प्रदेश मंत्री सुशीला सहित कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि इस मामले की मुख्य आरोपी नन सागया मैरी(Sagaya Mary) को 18 दिन बाद जमानत मिल गयी. साथ ही द्रमुक विधायक इनिगो इरुदयाराज जेल के बाहर उनका स्वागत करते देखे गये. इस तस्वीर के कारण तमिलनाडु सरकार की किरकिरी हो रही है.


जान लें कि मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच CBI को सौंपी है. इसके खिलाफ तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगायी. 14 फरवरी को सुनवाई के क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने उसे फटकार लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने जांच रोकने से इनकार करते हुए तमिलनाडु पुलिस को आदेश दिया वह अपनी तरफ से जुटाए सबूत CBI को सौंपे. साथ ही सरकार को निर्देश दिया कि इस मामले में बहुत कुछ जांच होनी है, इसलिए वो इसे अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाये. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता और CBI को नोटिस जारी करके तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.

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