किसान ने की आत्महत्या, रिकवरी एजेंट की बेइज्जती से था दुखी
तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में एक 23 वर्षीय किसान ने रिकवरी एजेंट द्वारा पड़ोसियों के सामने अपनी और अपने परिवार की बेइज्जती करने से दुखी होकर आत्महत्या कर ली।
चेन्नई: तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में एक 23 वर्षीय किसान ने रिकवरी एजेंट द्वारा पड़ोसियों के सामने अपनी और अपने परिवार की बेइज्जती करने से दुखी होकर आत्महत्या कर ली। रिकवरी एजेंट ने ऋण की किश्तें न चुका पाने के कारण किसान का ट्रैक्टर भी जब्त कर लिया था।
जिले के गिंजी गांव के निवासी 23 वर्षीय चिन्नादुरई और उसके भाइयों 33 वर्षीय सुरेश तथा 28 वर्षीय भास्करन ने एक निजी फाइनेंस कंपनी से 6.30 लाख का ऋण लेकर दो ट्रैक्टर खरीदे थे। तीनों भाइयों ने एक ट्रैक्टर का पूरा ऋण चुकता कर दिया था लेकिन दूसरे ट्रैक्टर पर किश्तें बढ़कर दो लाख रुपये हो गयीं और वे उसे चुका नहीं पाये। भाइयों ने रकम चुकाने के लिये समय मांगा लेकिन कंपनी के रिकवरी एजेंटो ने एक नहीं सुनी और ट्रैक्टर जब्त कर लिया।
चेन्नादुरई के परिजनों ने आरोप लगाया है कि रिकवरी एजेंटों ने चेन्नादुरई और महिला समेत परिवार के सभी सदस्यों की बेइज्जती, जिससे वह बहुत दुखी हो गया। चेन्नादुरई ने रविवार को आत्महत्या कर ली। वलाति पुलिस ने दोनों रिकवरी एजेंट लिेंगेश्वरन और शिवा और फाइनेंस कंपनी के दो अन्य कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और तमलिनाडु सरकार ने मांग की है कि रिकवरी एजेंटो को तत्काल गिरफ्तार किया जाये।