'मदुरई मीनाक्षी अम्मन मंदिर' के मार्गाजी अष्टमी कार महोत्सव में उमड़ी भीड़, कोरोना नियमों की उड़ी धज्जियां

तमिलनाडु में मदुरई मीनाक्षी अम्मन मंदिर के मार्गाजी अष्टमी कार महोत्सव में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

Update: 2021-12-27 15:09 GMT

तमिलनाडु, तमिलनाडु में मदुरई मीनाक्षी अम्मन मंदिर के मार्गाजी अष्टमी कार महोत्सव में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।महोत्सव की शुरुआत साधुओं ने शंख-नाथ और ढोल नगाड़ों के साथ की। मोहत्सव में मां मीनाक्षी को पालकी में बैठाकर पूरे शहर में झांकी निकाली गईं। इस झांकी में लाखों साधुओं, बुजुर्गों और बच्चों ने शामिल होकर मां मीनाक्षी का आशिर्वाद प्राप्त किया। मां मीनाक्षी भगवान शिव की पत्नी पार्वती का ही एक रूप है। वहीं, लोगों की भीड़ को निंयत्रित करने के लिए काफी संख्या में पुलिस भी शामिल थीं। पूरा शहर मां मीनाक्षी के जयाकारों से गूंज उठा। साथ ही भीड़ लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उठाई। वहीं, इस अवसर पर लोगों ने मां मीनाक्षी से कोरोना को खत्म कर हालात को पहले जैसा करने की प्रार्थना भी की।

भगवान श्री कृष्ण ने गीता में बताया मार्गली मास का महत्व
आपको बता दें कि तमिल में मार्गली मास या मार्गजी महीने को भक्ति और संगति का महीना माना जाता है। इस साल यह महीना 16 दिसंबर 2021 से शुरू होगा और 13 जनवरी 2022 को खत्म होगा। भगवान श्री कृष्ण ने भगवद गीता में मार्गली मास का महत्व बताया है। भगवान श्री कृष्ण कहते है कि मासनम मार्गशीरशोहम साल के 12 महीनों मे से एक है और मैं मरकली हूं। इस महीने में धार्मिक प्रवचन, भगवान का जाप और संगीत सुनना चाहिए। वहीं, इस महीने में कोई भी धार्मिक आयोजन और विवाह नहीं किए जाते हैं। लोग भगवान की पूजा पाठ के अलावा अन्य गताविधियों में शामिल नहीं होते हैं।
तिरुपति बाला जी मंदिर में भी होता है तिरुप्पवई का पाठ
लोगों का कहना है कि अंडाल के तिरुप्पवई का जाप इस महीने का सबसे महत्वपूर्ण जाप है। तिरुप्पवई में 30 श्लोक हैं और मार्गली महीने के हर दिन एक छंद का जाप किया जाता है। आपको बता दें कि तामिलनाडु के विश्व प्रसिद्ध मंदिर तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर में मार्गाजी के महीने में सुबह की प्रार्थना के रूप में सामान्य प्रार्थना के बजाय तिरुप्पवई का पाठ किया जाता है। इस दौरान लोग अपने घरों के सामने रंगोली भी बनाते है। यहां तक की सड़कों और दुकानों के आगे के रास्ते को भी लोग विभिन्न रंगों से रंगोली बनाकर सजाते हैं। त्योहार वैकुंठ एकादशी, हनुमान जयंती और अरुद्र दर्शन मार्गली महीने में सबसे महत्वपूर्ण हैं। मार्गली महीना सबरीमाला अयप्पा मंदिर तीर्थयात्रा अंत का प्रतीक भी है।
Tags:    

Similar News

-->