छात्रा की मौत के मामले में अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा, तंजावुर जाएगी एनसीपीसीआर की टीम
तमिलनाडु के तंजावुर जिले में एक नाबालिग लड़की की मौत के मामले में मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई पूरी कर ली है।
तमिलनाडु के तंजावुर जिले में एक नाबालिग लड़की की मौत के मामले में मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई पूरी कर ली है, और फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिले के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा ने नौ जनवरी को जहर खा लिया था। 19 जनवरी को उसकी मौत हो गई थी। छात्रा ने एक वीडियो में दावा किया था कि स्कूल प्रबंधन ने उसे जबरन ईसाई धर्म स्वीकार करवाया था। इस मामले में पुलिस ने स्कूल के हॉस्टल के वार्डन को गिरफ्तार किया है। उधर, मृतका के माता-पिता के अधिवक्ता इस मामले की जांच के लिए राज्य पुलिस से उम्मीद न होने की बात कहते हुए क्राइम ब्रांच, अपराध जांच विभाग (सीबीसीआईडी) या किसी अन्य इकाई से जांच कराने की मांग की है।
वहीं, बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीसीआर) ने कहा है कि आयोग की एक टीम तंजावुर जिले का दौरा करेगी और नाबालिग छात्रा की मौत की जांच करेगी। इसके लिए संबंधित पुलिस अधीक्षक से मौजूद रहने के लिए कहा गया है। आयोग की टीम छात्रा के माता-पिता और स्कूल अधिकारियों से मुलाकात करेगी क्योंकि मामले में तमिलनाडु सरकार की ओर से आयोग का सहयोग नहीं किया जा रहा है। यह टीम 30 और 31 जनवरी को जिले का दौरा करेगी।
जानिए क्या है पूरा मामला
यह किशोरी तमिलनाडु के तंजावुर जिले के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में पढ़ती थी। वहां उसका कथित तौर पर उत्पीड़न किया गया और जिस हॉस्टल वार्डन उससे जबरन घरेलू काम करवाती थी। सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में किशोरी ने आरोप लगाया था कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। इसके बाद नाबालिग ने अपनी जान देने की कोशिश की। उसे तंजावुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन 19 जनवरी को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।