विधानसभा में जयललिता पर हुए हमले को सीएम स्टालिन ने नकारा, पलानीस्वामी ने दिया जवाब

Update: 2023-08-13 11:32 GMT
डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने केंद्रीय वित्त मंत्री के उस बयान पर सवाल उठाए हैं, जिसमें वित्त मंत्री ने दिवंगत सीएम जे जयललिता पर साल 1989 में तमिलनाडु विधानसभा में हुए कथित हमले का आरोप लगाया था। बता दें कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही थी। वहीं डीएमके के आरोपों को खारिज करने पर जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के नेता पलानीस्वामी ने नाराजगी जाहिर की है और वित्त मंत्री के बयानों को सही ठहराया है।
क्या बोले एमके स्टालिन
डीएमके नेता और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने एक अखबार को इंटरव्यू दिया। इस दौरान उनसे वित्त मंत्री के संसद में दिए बयान को लेकर सवाल किया गया। जिस पर सीएम ने वित्त मंत्री के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि 'सदन में जयललिता के साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। विधानसभा में मौजूद सभी लोग जानते थे कि उन्होंने (जयललिता) खुद ही ड्रामा किया था।' सीएम के बयान के बाद डीएमके ने स्टालिन के हवाले से कहा कि सीतारमण वॉट्सएप यूनिवर्सिटी के आधार पर कह रहीं थी। स्टालिन ने वित्त मंत्री के बयान को निराशाजनक करार दिया।
स्टालिन के बयान के बाद जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के नेता पलानीस्वामी ने कहा कि घटना के वक्त वह खुद सदन में मौजूद थे और जयललिता पर तत्कालीन सीएम करुणानिधि की मौजूदगी में सदन में हमला हुआ था। पलानीस्वामी ने कहा कि 'अम्मा (जयललिता) उस वक्त विपक्ष की नेता थीं और बतौर विधायक मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला था। मैं जयललिता पर हमले के वक्त सदन में था और विपक्ष की नेता होने के बावजूद उन पर बेरहमी से हमला हुआ। पलानीस्वामी ने कहा कि घटना के बारे में सबकुछ विस्तार से छपा था। डीएमके सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने अम्मा पर हमला किया था। अब एक वरिष्ठ मंत्री ने उस वक्त जयललिता की साड़ी खींची थी और दूसरे मंत्री ने उनके बाल खींचे थे। यह सदन के इतिहास का एक काला दिन था और आज सीएम उस घटना को कमतर बता रहे हैं।'
क्या बोलीं थी वित्त मंत्री
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोलते हुए डीएमके सांसद कनिमोझी ने मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को घेरा था, जिसका जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सदन एक पवित्र जगह होती है, जहां विपक्ष की नेता जयललिता की साड़ी खींची गई। डीएमके के सदस्यों ने उनसे बदसलूकी की, उन पर हंसे और उनका मजाक उड़ाया। जो लोग उस वक्त सत्ता में थे और जिनकी मौजूदगी में ये सब हुआ, वो आज द्रौपदी की बात करते हैं।
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