Breaking News: तमिलनाडु में भारी बारिश के बाद जगह-जगह हुआ जलजमाव

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, पूर्वोत्तर मानसून के प्रभाव के कारण 9-11 नवंबर से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना है.

Update: 2021-11-08 05:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तमिलनाडु के कई भागों और चेन्नई में पिछले 24 घंटे के दौरान सामान्य से ज्यादा बारिश हुई. चेन्नई में भारी बारिश के बाद कुछ हिस्सों में जगह-जगह घुटनों तक पानी भर गया, जिसके चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बीते दिन 36 जिलों में जमकर बारिश हुई, लेकिन सबसे ज्यादा 134.29 मिलीमीटर वर्षा राज्य की राजधानी में दर्ज की गई. अत्यधिक बारिश की वजह से सड़कें तालाब बन गईं, कार के पहिए पानी में पूरी तरह से डूब गए. कई इलाकों से पेड़ गिरने की भी सूचना मिली.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, तमिलनाडु के कोयंबटूर में आज सुबह काले बादल छाए रहे. विभाग ने बताया कि कोयंबटूर में आज भारी बारिश के साथ बादल छाए रहने की संभावना है. आईएमडी ने जानकारी दी कि पूर्वोत्तर मानसून के प्रभाव के कारण 9-11 नवंबर से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना है.
वहीं, मूसलाधार बारिश के कारण तमिलनाडु और कर्नाटक में कावेरी नदी के जलग्रहण क्षेत्र में मेट्टूर बांध का जलस्तर रविवार को 116 फुट के पार पहुंच गया. जबकि उसकी क्षमता 120 फुट है. बांध में शनिवार को 15,740 क्यूसेक पानी गया था जिसकी मात्रा रविवार तड़के बढ़कर 29,380 क्यूसेक हो गई. जबकि जलस्तर 114.46 फुट से बढ़कर 116.1 फुट हो गया. तमिलनाडु के सलेम जिले में स्थित बांध में पानी 87 टीएमसी है जबकि उसकी क्षमता 93 टीएमसी है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अगर बारिश अगले दो-तीन दिनों तक जारी रही तो जलस्तर 120 फुट तक पहुंच सकता है.
भारी बारिश के मद्देनजर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए. आधिकारिक बयान के मुताबिक, परिस्थिति का जायजा लेते हुए स्टालिन ने 2015 की बाढ़ को ध्यान में रखते हुए बाढ़ वाले स्थानों पर राहत कार्यों की निगरानी की. स्टालिन ने कोलाथुर, पेरम्बूर, पुरसाईवलकम, कोसापेट और ओटेरी का दौरा किया और पास के एक स्कूल में ठहरे प्रभावित लोगों को भोजन और राहत सामग्री वितरित की.
बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने स्थानीय प्रशासन, राजस्व और जनकल्याण विभाग के अधिकारियों को जलभराव न होने देना सुनिश्चित करने के साथ ही निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए. उन्होंने राहत शिविरों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन करने के निर्देश भी दिए हैं. अत्याधिक बारिश के बाद सरकार ने आठ और 9 नवंबर को चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपेट जिलों में स्कूल और कॉलेजों में अवकाश घोषित किया है.


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