पटना न्यूज़: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आरोप लगाया कि उत्तर भारतीय राज्यों के भाजपा के नेताओं ने गलत इरादे से प्रवासी मजदूरों पर हमले के बारे में अफवाह फैलाई.
स्टालिन ने ‘उनगलिल ओरुवन’ कार्यक्रम के तहत कई सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा के खिलाफ एकजुट राष्ट्रीय स्तर के गठबंधन की आवश्यकता के बारे में बात करने के एक दिन बाद अफवाहें फैलनी शुरू हो गईं. तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर हमले की अफवाहों के बारे में पूछे जाने पर स्टालिन ने कहा,‘तमिलनाडु में, विभिन्न राज्यों के लोग लंबे समय से रह रहे हैं. वे कभी भी प्रभावित नहीं हुए. पिछले कुछ वर्षों से कई लोग रोजगार की तलाश में तमिलनाडु आ रहे हैं. तमिलनाडु में कहीं भी इन लोगों को कोई परेशानी नहीं हैं लेकिन कुछ लोगों ने फर्जी वीडियो बनाकर झूठी खबरें फैलाईं.’
उत्तर भारतीय राज्यों के भाजपा सदस्यों ने बुरी नीयत से ऐसा किया. फर्जी समाचार फैलाने वालों के पीछे की साजिश को आप समझ सकते हैं अगर आपने गौर किया होगा कि भाजपा के खिलाफ एकजुट राष्ट्रीय स्तर के गठबंधन की आवश्यकता के बारे में बोलने के अगले ही दिन ये किया गया. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि तमिलनाडु में ऐसी कोई घटना नहीं हुई और बिहार से आए प्रतिनिधि पूरी संतुष्टि के साथ लौटे हैं.
ईओयू 30 से अधिक फर्जी वीडियो की कर रही जांच:
तमिलनाडु में बिहार के प्रति कथित हिंसा की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) कर रही है. अब तक जांच एजेंसी के हाथ 30 से अधिक फर्जी तरीके से प्रसारित करने वाले वीडियो मिल चुके हैं. इनकी जांच चल रही है. जांच में पता किया जा रहा है कि इन्हें किस स्तर या किसने सबसे पहले इंटरनेट पर अपलोड किया और इसके माध्यम से अफवाह फैलाने की शुरुआत की है. ईओयू में एक्सपर्ट की टीम पूरे मामले की तफ्तीश करने में जुटी हुई है.
तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सी. सिलेंद्र बाबू ने कहा कि राज्य में प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों के फर्जी वीडियो प्रसारित करने के संबंध में गहन जांच से अफवाह फैलाने वालों के असली मकसद का पता चलेगा.बाबू ने यहां पत्रकारों से कहा,‘सरकार द्वारा किए गए विश्वास-बहाली उपायों के कारण प्रवासी श्रमिकों के बीच स्थिति सामान्य हो गई है, लेकिन पुलिस सख्ती से हर चीज की निगरानी कर रही है क्योंकि यह गंभीर मामला है.’ उन्होंने कहा कि राज्यभर में अफवाहें फैलाने और फर्जी वीडियो प्रसारित करने के संबंध में 11 मामले दर्ज किए गए हैं और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस बरामद मोबाइल फोन से डिजिटल साक्ष्य भी एकत्र कर रही है.
उन्होंने कहा कि मामले में फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए राज्य के विशेष पुलिस दल भोपाल, दिल्ली, बेंगलुरु और पटना में डेरा डाले हुए हैं. अधिकारी ने बताया कि नगर पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षक के साथ, डीजीपी ने श्रमिकों की सुरक्षा के संबंध में क्षेत्र, विशेष रूप से तिरुपुर, इरोड और कोयम्बटूर के उद्योगपतियों के साथ बातचीत की. उन्होंने प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कहा कि उनके आवासों की सुरक्षा की गई है और कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. तमिलनाडु में रेलगाड़ियों से लौटने वाले श्रमिकों की सुरक्षा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा बल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.